पीलीभीत: बाघ हमले से प्रभावित गांवों में पीटीआर लगवाएगा हेल्थ कैंप, रेडक्रास सोसायटी का रहेगा सहयोग
पीलीभीत, अमृत विचार: पीटीआर प्रशासन बाघ हमले से प्रभावित गांवों में हेल्थ कैंप लगवाएगा। यह हेल्थ कैंप रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से लगाए जाएंगें। कैंपों में चिकित्सीय परीक्षण के साथ ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति जागरुक किया जाएगा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जंगल का दायरा छोटा होने के कारण बाघ समेत अन्य वन्यजीव जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही है।
इधर टाइगर रिजर्व प्रशासन अब बाघ हमले से प्रभावित जंगल से सटे गांवों में रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से 15 हेल्थ कैंपों का आयोजन करने जा रहा है। इन हेल्थ कैंपों में ग्रामीण को डॉक्टरों की टीम द्वारा चिकित्सीय परीक्षण कर उचित परामर्श दिया जाएगा, साथ ही कैंपों में मौजूद वन अफसर और वनकर्मी ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति जागरुक करेंगे, ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
इस संबंध में सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने जिला समन्वयक मोबाइल मेडिकल यूनिट को हेल्थ कैंपों की सूची उपलब्ध कराते हुए हेल्थ कैंप लगवाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक पांच जून को मुस्तफाबाद, छह को महोफ, सात को मुख्तियार कॉलोनी, आठ को खरगापुर, नौ को माला कॉलोनी, 10 को रानीगंज,
11 को नौजलिया, 12 को फैजुल्लागंज, 13 को नवदिया पताबोझी, 14 को ढका, 15 को सेल्हा, 17 को हरकिशनापुर, 18 को सेमपुर एवं 22 जून को धनकुनी गांव में हेल्थ कैंप लगाया जाएगा। इस संबंध में पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघ प्रभावित गांवों में रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर लगाने जा रहे हैं। शिविर के दौरान ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति जागरुक किया जाएगा।
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