बरेली: मोटी मलाई के चक्कर में 50-55 रुपये वाले दूध को न समझें शुद्ध, ऐसे करें पहचान

शुद्ध दूध तो है 70 रुपये लीटर! किस रेट में आता है आपके घर?

बरेली: मोटी मलाई के चक्कर में 50-55 रुपये वाले दूध को न समझें शुद्ध, ऐसे करें पहचान

शब्या सिंह तोमर, बरेली। अगर 50 या 55 रुपये लीटर का रेट देकर आप समझ रहे हैं कि शुद्ध दूध पी रहे हैं तो आप भारी धोखे में हैं और शायद अपनी सेहत भी खराब कर रहे होंगे। शुद्ध दूध शहर में कही भी 70 रुपये लीटर से कम नहीं है। यह बात अलग है कि यह दूध कुछ हलवाइयों की दुकानों पर ही पहुंचता है। दूध का रेट डेयरी पर 68 और हलवाई की दुकान पर 70 है। अलगअलग कंपनियों का पैकेट वाला दूध 68 से 73 रुपये तक है। हालांकि ज्यादातर परिवारों में इसके बाद भी दूधियों के जरिए 50 से 55 रुपये के रेट में दूध पहुंच रहा है और इसे भी शुद्ध बताया जा रहा है। असल में इस दूध में भारी मिलावट हो सकती है जो आपकी और आपके बच्चों की सेहत भी खराब कर सकती है। इसलिए जागरूक होने की जरूरत है। 

पैकेट वाले दूध की कई क्वालिटी
पैकेट के दूध की कीमत 73 रुपये लीटर तक है। यह दूध सिंगल और डबल टोन्ड, दो तरह का होता है। कई कंपनियां दस रुपये के सौ मिलीलीटर से लेकर पांच सौ मिलीलीटर और एक लीटर तक के पाउच में दूध बेचती हैं। वे इनकी कैटेगरी भी अलग-अलग तय करती हैं। डबल टोन्ड दूध को कंपनी डायट करने वालों के दूध के नाम से बेचती है।

ऐसे लगाएं अंदाजा
जिले में सबसे ज्यादा इस्तेमाल भैंस का दूध होता है जिसका प्रतिदिन उत्पादन 5,48,140 लीटर है। गाय का 1,98,575 और बकरी का 15,690 लीटर ही दूध आता है। इस दूध का इस्तेमाल करने वाले जिले में 7,56,784 परिवार हैं। इसके अलावा भारी खपत हलवाइयों की दुकानों पर भी है। इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवारों तक कितना शुद्ध दूध पहुंचता होगा

गाढ़ेपन और मलाई से न करें पहचान 
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा अपूर्वश्रीवास्तव के मुताबिक दूध की शुद्धता के मोटेतौर पर दो ही मानक हैं, एक तो फैट और सॉलिड नॉन फैट यानी एसएनएफ जो गाय,भैंस और बकरी तीनों के दूध के लिए अलग होते हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि दूध गाढ़ा या मलाईदार है तो शुद्ध ही होगा। सिर्फ टेस्टिंग से ही शुद्धता जा सकती है।

मिलावटी दूध की ऐसे करें पहचान
1-दूध में पानी की मिलावट का पता लगाने को उसकी एक बूंद को चिकनी और तिरछी जगह पर डालें, अगर दूध निशान छोड़े बगैर बह जाए तो मिलावट है।
2-मिलावटी गाढ़ेपन की पुष्टि के लिए दो-तीन मिली दूध में पांच मिली पानी मिलाकर उबालकर ठंडा करें, फिर दो-तीन बूंदे टिंचर आयोडीन की डालने पर वह नीला पड़ जाए तो मिलावट है।

सेहत बनाने के बजाय चौपट करता है मिलावटी दूध 
एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की द्रव्यगुन विभाग की डॉ. रिंकी के मुताबिक दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए जानवरों को हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं, इसकी वजह से बच्चों में समय से पहले शारीरिक ग्रोथ होने लगती है। लोग दूध को यह सोचकर पीते हैं कि इससे प्रोटीन और कैल्शियम मिलता है,लेकिन मिलावटी दूध में फैट मिलता है जो मोटापा बढ़ाता है। कई बार दूध में यूरिया की मिलावट भी पाई गई है जो किडनी और कैंसर कारण का बनता है। मिलावटी दूध पीने से बच्चों में कुपोषण की शिकायत भी रहती है।

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