आरएसएस अप्रांसगिक हो गया, अब भागवत के बोलने का क्या फायदा: कांग्रेस

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Published By Afzal Khan
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और दावा किया कि जब आरएसएस अप्रासंगिक हो गया तो भागवत के बोलने का क्या फायदा है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि बीते 10 वर्षों में भागवत ने कई अहम मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी थी, लेकिन अब बोल रहे हैं।

नागपुर में गत 10 जून को डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में संगठन के 'कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय' के समापन कार्यक्रम में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति की आवश्यकता है ताकि आम जनता के लिए काम किया जा सके। भागवत ने यह भी कहा था कि चुनाव बहुमत हासिल करने के लिए होते हैं और यह एक प्रतिस्पर्धा है, युद्ध नहीं।

खेड़ा ने एक बयान में कहा, ‘‘मोहन भागवत् जी, जो बीज आपने बोया था, अब वह लहलहाता हुआ बबूल का वृक्ष, वृक्षासन लगा रहा है। दोष माटी का नहीं है, दोष माली का है। और वो माली आप हैं। ’’ उनका कहना था, ‘‘जब किसान राजधानी के बाहर मौसम और पुलिस की मार खा रहे थे, आप चुप थे। जब हाथरस में एक दलित बच्ची का बलात्कार और हत्या कर दी गई, आप चुप थे। जब बिल्कीस बानो के बलात्कारियों की रिहाई हुई और आपके वैचारिक बंधुओं ने उनका स्वागत किया, आप चुप थे।

जब दलितों के मुंह में पेशाब किया जा रहा था, आप चुप थे। जब पहलू ख़ान व अख़लाक़ को मारा गया, आप चुप थे और जब कन्हैया लाल के हत्यारों का भाजपा से संबंध उजागर हुआ, आप चुप थे। ’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘आपकी (भागवत) चुप्पी ने और नरेन्द्र मोदी ने आपको और संघ को अप्रासंगिक बना दिया है। अब बोल कर क्या फ़ायदा?’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भागवत जी, याद है वह संत कबीर का दोहा: करता रहा सो क्यों किया, अब करी क्यों पछताए। बोये पेड़ बबूल का, अमुआ कहां से पाए। पर कहते हैं न कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।

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