डोनाल्ड ट्रंप पर अदालत का फैसला कानून के शासन को कमजोर करने वाला : जो बाइडेन

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Published By Bhawna
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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप को आपराधिक मुकदमे से आंशिक छूट देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक ‘खतरनाक मिसाल’ बताया है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को अदालत के फैसले को लोकतंत्र के लिए ‘बड़ी जीत’ बताने के बाद जो बाइडेन ने कहा कि फैसले ने कानून के शासन को कमजोर कर दिया है और यह अमेरिकियों के लिए एक भयानक अन्याय है। अदालत ने इससे पहले दिन में पाया कि राष्ट्रपति को 'आधिकारिक कृत्यों' के लिए छूट प्राप्त रहती है, लेकिन “अनौपचारिक कृत्यों” के लिए उन्हें छूट नहीं मिलती और मामले को वापस ट्रायल जज के पास भेज दिया। 

बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फैसले से 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने की कथित कोशिश के लिए ट्रंप के खिलाफ उन आपराधिक मामले में देरी होगी, जिसमें श्री बाइडेन को जीत मिली थी। ट्रायल जज को अब यह निर्धारित करना होगा कि राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप ने कौन से आपराधिक कार्य किए थे, जिसमें कई महीने लग सकते हैं।

 रिपोर्ट में बताया गया है कि नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले कोई भी मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है। राष्ट्रपति बाइडेन ने सोमवार देर रात एक टेलीविज़न बयान में कहा, इस राष्ट्र की स्थापना इस सिद्धांत पर हुई थी कि अमेरिका में कोई राजा नहीं है। हम में से प्रत्येक कानून के समक्ष समान है। कोई भी, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। अमेरिका का राष्ट्रपति भी नहीं।” आज के (अदालत के) फैसले का लगभग निश्चित रूप से मतलब है कि राष्ट्रपति क्या कर सकता है, इसकी वस्तुतः कोई सीमा नहीं है। 

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