Bareilly: सेंट अल्फॉन्सस कैथेड्रल चर्च...विश्वास, एकता और सेवा का जीवंत केंद्र
बरेली, अमृत विचार। सेंट अल्फॉन्सस कैथेड्रल शहर के प्रमुख गिरजाघरों में से एक है। इसकी डिजाइन नमस्ते की आकार की तरह है। यह न केवल ईश्वर की आराधना का पवित्र स्थान है, बल्कि विश्वास, एकता और सेवा का जीवंत केंद्र भी है। क्रिसमस पर यहां भव्य मेला लगता है, जो आकर्षण मुख्य केंद्र होता है।
कैंट क्षेत्र में यह चर्च वर्ष 1868 में बना था, जो सेंट अल्फॉन्सस लिगोरी के नाम पर है। फादर स्टैनी के अनुसार 10 दिसंबर 2010 को चर्च का जीर्णोद्धार कराया गया। इसे आधुनिक शैली में पुनर्निर्मित किया गया। प्रभु यीशु की पेंटिंग्स दीवारों पर बनाई गई हैं। क्रिसमस पर चर्च में 21 और 22 दिसंबर को मेला आयोजित होता है, जिसमें
स्कूली बच्चे प्रभु यीशु की झांकियां प्रस्तुत करते हैं।
उन्होंने बताया कि चर्च में क्रिसमस पर्व श्रद्धा, भक्ति और सामुदायिक भावना के साथ मनाया जाता है। यहां प्रभु यीशु के जन्म की झांकी (क्रिब) सजाई जाती है। कैरोल गायन से प्रभु के जन्म का संदेश फैलाया जाता है। इस अवसर पर ईसाई परिवारों, युवाओं और बच्चों की सक्रिय भागीदारी रहती है। क्रिसमस हमें बताता है कि प्रभु ने विनम्रता और सरलता में जन्म लेकर हमें प्रेम, क्षमा, सेवा और शांति का मार्ग दिखाया।
बनारस के सेंट मेरीज महागिरजाघर की तरह है यह चर्च
चर्च के पादरी के अनुसार जर्जर हो चुके गिरजाघर को पुनर्निर्मित करने के लिए 31 मई 2008 को तत्कालीन विशप एंथनी फर्नांडीस ने इसका खाका तैयार किया था। जिसे बनारस स्थित सेंट मेरीज महागिरजाघर की तरह बनाया गया। खिड़कियों के कांच पर संतों के चित्र उकेरे गए। मुख्य दरवाजे पर प्रभु यीशु की छवि बनाई गई। यह कारीगरी अपने आप में अद्भुत है। दीवारों पर ईसा मसीह के संदेश भी लिखे गए हैं। क्रिसमस की तैयारियों को लेकर वाटिका में चरनी बनाई गई है, जिसमें प्रभु यीशु मसीह के जन्म की झांकियां बनाई गई हैं।
