Kanpur: खूनी हाईवे पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित करके सो गए अफसर; नौबस्ता से लेकर घाटमपुर तक रोज हो रहे हादसे

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। कानपुर-सागर हाईवे पर नौबस्ता से लेकर हमीरपुर तक का सफर बेहद खतरनाक है। इसकी सबसे बड़ी वजह हाईवे पर क्षमता से अधिक वाहनों का बोझ और बेलगाम यातायात है। इस दो लेन के हाईवे पर अव्यवस्थाओं का बोलबोला है, जिसके कारण आए दिन हादसे होते हैं। पूर्व में कई बार यातायात पुलिस ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर चुकी है लेकिन सुधार कागजों पर ही हो रहे। वर्ष 2024 में दो थानाक्षेत्र बिधनू और सेन पश्चिम पारा को ही उदाहरण के तौर पर ले लिया जाए तो अब तक यहां सात महीने में 150 हादसे हुए जिसमें से 35 की मौत और 188 लोग घायल हो चुके हैं। 

खूनी कहे जाने वाले कानपुर-सागर हाईवे पर क्षमता से दस गुना ज्यादा वाहनों का दबाव है। हाइवे पर पुलिस ने पूर्व में 26 जगहों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया था। वहां कुछ काम करने सड़क हादसों में कमी आने की बात कही थी लेकिन हुआ कुछ नहीं। हाईवे पर डिवाइडर का न होना भी आए दिन होने वाले हादसों की वजह बन रहा है। नौबस्ता से लेकर घाटमपुर तक के बीच में बिधनू, सजेती, साढ़ समेत अन्य थानाक्षेत्र पड़ते हैं। 

इन जगहों पर ब्लैक स्पॉट किया था चिह्नित

नौबस्ता से लेकर यमुना पुल तक पुलिस ने 26 जगहों को स्पॉट चिह्नित किया था। समधि पुलिया, बिनगवां, मौरंग मंडी, रमईपुर, हरबसपुर, बिधनू नहर, शम्भुहा, कठेरुआ, धरमपुर बंबा, तिलसड़ा मोड़, रिंद नदी, स्टेशन रोड, हिरनी मोड़, टेनापुर मोड़, भाठ बंबी, जगन्नाथपुर, भदरस मोड़, भीतरगांव तिराहा, घाटमपुर चौराहा, गुजेला, अज्योरी, आलियापुर, सजेती, रामपुर, बारीपाल मोड़, अनुपुर मोड़ ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए थे।

सड़क के दोनों तरफ दो फिट ऊंचे मौत के नाले 

वर्ष 2013-14 में नौबस्ता से सागर तक राजमार्ग चौड़ीकरण के दौरान आबादी क्षेत्र में फुटपाथ की जगह सड़क के दोनों तरफ दो फिट ऊंचे नाले बना दिए गए। सड़क की सतह से नालों की ऊंचाई ने राहगीरों की मुसीबत बढ़ा दी। छोटे वाहन सवार बड़े वाहनों से बचने के चक्कर में इन्ही नालों से टकराकर हादसे के शिकार हो जाते हैं। राजमार्ग वाहनों की संख्या के मुकाबले कम चौड़ा है और ऊंचे नाले के कारण जाम लगता है।

डिवाइडर न होने से बेलगाम दौड़ते वाहन 

नौबस्ता से सेन पश्चिमपारा थाना क्षेत्र के पहाड़पुर तक डिवाइडर बनाकर जाली लगाई गई थी। पहाड़पुर से घाटमपुर तक हाईवे पर डिवाइडर नहीं है। जिसकी वजह से पूरे हाईवे पर भारी वाहन बेलगाम होकर हादसों की वजह बनते रहते हैं। 

संकरे शंभुआ आरओबी पर आए दिन हादसे

हाईवे पर शंभुआ रेलवे लाइन की वजह से दस वर्ष पहले आरओबी का निर्माण हुआ था। भारी वाहनों की संख्या की अपेक्षा आरओबी का चौड़ीकरण नहीं किया गया। जबकि वाहनों की संख्या को देखते हुए एक समानांतर आरओबी और बनना चाहिए। एक ही आरओबी से दोनों तरफ के वाहन निकलने की वजह से हादसे होते रहते हैं। 

एक नजर इधर डालिए  

-वर्ष 2021 में कुल 170 सड़क हादसे हुए, जिनमें 94 लोगों की जान गई है। 90 लोग घायल हुए थे।
 -वर्ष 2022 में हाईवे पर 175 सड़क हादसे हुए जिनमें 110 लोगों ने जान गंवाई 124 लोग घायल हुए थे। 
-वर्ष 2023 में हाईवे पर कुल 148 हादसे हुए जिसमें से 95 लोग काल के गाल में समा गए वहीं 121 लोग घायल हुए थे।
-वर्ष 2024 में बिधनू और सेनपश्चिमपारा थानाक्षेत्र में 7 माह में 150 हादसे हुए जिसमें से 35 की मौत व 188 लोग घायल हो चुके हैं। यह आंकड़े केवल दो थानाक्षेत्रों के हैं। इनके अलावा घाटमपुर, सजेती, साढ़ और नौबस्ता में इन सात माह में तकरीबन 200 हादसे हुए जिसमें से करीब 125 से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं।

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