Bilkis Bano case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में दो दोषियों की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो मामले में 11 में से दो दोषियों की ओर से सजा में दी गई छूट को रद्द करने के शीर्ष अदालत के आठ जनवरी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिका को ‘‘पूरी तरह से गलत’’ करार दिया और कहा कि वह शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश के खिलाफ अपील पर कैसे गौर कर सकती है। 

पीठ ने कहा, ‘‘ यह क्या याचिका है? कैसे इस याचिका पर सुनवाई की जा सकती है। यह पूरी तरह से गलत है। अनुच्छेद 32 याचिका कैसे दायर की जा सकती है? हम किसी अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश के खिलाफ अपील पर गौर नहीं कर सकते।’’ दोषियों राधेश्याम भगवानदास शाह और राजूभाई बाबूलाल सोनी की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ​​ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।

पीठ ने वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति दी। शाह ने अंतरिम जमानत याचिका भी दाखिल की है। बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों में से दो ने उच्चतम न्यायालय में मार्च में याचिका दायर कर दलील दी थी कि उनकी सजा में छूट को रद्द करने संबंधी आठ जनवरी का फैसला 2002 की एक संविधान पीठ के आदेश के ‘‘खिलाफ’’ था और उन्होंने इस मुद्दे को ‘‘अंतिम’’ निर्णय के लिए एक वृहद पीठ के पास भेजने का अनुरोध किया था। 

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