मुख्यमंत्री योगी ने SIR को लेकर संभाली भाजपा की कमान, बोले- एक भी फर्जी वोटर नहीं बचना चाहिए
योगी के मैदान में उतरने से मिली रफ्तार, एजेंडे में सबसे ऊपर फर्जी मतदाता बने घुसपैठिया, प्रशासन भी चौकन्ना
लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश में विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं संगठन की कमान संभालते हुए मैदान में उतर आए हैं। उनके एजेंडे में सबसे ऊपर फर्जी मतदाता बने घुसपैठिया हैं। इनके लिए डिटेंशन सेंटर हर मंडल मुख्यालय पर बनाने के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं। हालांकि एसआईआर को लेकर संगठन नेतृत्व पहले से सक्रिय था, मगर योगी के स्वयं शामिल होते ही कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। उन्हें पूरा भरोसा हो गया है कि प्रशासन का साथ और मजबूती से मिलेगा। कहीं भी लापरवाही मिली तो कार्रवाई तय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईआर को केंद्र में रखकर अबतक पश्चिमी यूपी के पांच मंडलों अलीगढ़, सहारनपुर, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा से जुड़े जिलों के भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। यह सिलसिला आगे भी तेजी से बाकी मंडलों में भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि फर्जी मतदाताओं, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और अब मुख्यमंत्री योगी तीनों के एकसाथ सक्रिय होने से भाजपा की रणनीति साफ दिख रही है। बूथ स्तर पर सत्यापन, जिले में अभियान की रोज समीक्षा और मंडल स्तर पर मुख्यमंत्री की बैठकें यह सब संकेत देते हैं कि वर्ष 2026 में पंचायत चुनाव से लेकर 2027 में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा मतदाता सूची को त्रुटिरहित और सुरक्षित करने में कोई ढिलाई नहीं छोड़ने वाली। प्रदेशभर में जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और बूथ प्रमुखों को निर्देश भेजे जा चुके हैं कि प्रत्येक बू्थ पर मतदाता सूची का गहन परीक्षण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बूथ मजबूत होगा तो लोकतंत्र मजबूत होगा और इसके लिए एसआईआर को सबसे संवेदनशील और प्राथमिक अभियान के रूप में लिया जाए।
मुख्यमंत्री की सक्रियता से प्रशासन अलर्ट मोड में
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से अब पूरे प्रदेश का प्रशासनिक तंत्र चौकन्ना हो गया है। मुख्यमंत्री ने यह संकेत साफ दे दिया है कि एसआईआर में किसी भी स्तर की ढिलाई का मतलब सीधी कार्रवाई होगा। सरकारी सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री की समीक्षा का फोकस तीन प्रमुख बिंदुओं पर है। इसमें डुप्लिकेट और फर्जी मतदाताओं की सूची का शुद्धिकरण, रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और सत्यापन तथा पंजीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता व समयबद्धता शामिल है।
डिटेंशन सेंटर भी आए एजेंडे में
मुख्यमंत्री योगी पहले ही घुसपैठियों के विरुद्ध कठोर रुख अपनाने के निर्देश दे चुके हैं। डिटेंशन सेंटरों की कार्यप्रणाली, क्षमता और निगरानी को लेकर जारी पूर्व निर्देशों को भी अब एसआईआर की समीक्षा से जोड़ दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि फर्जी वोटर पहचानने की प्रक्रिया के दौरान यदि कहीं घुसपैठ के संगठित प्रयास सामने आते हैं तो डिटेंशन सेंटरों में आवश्यक व्यवस्थाओं को और मजबूत करने की तैयारी की जाएगी।
“मतदाता सूची की पवित्रता हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है। फर्जी वोटर, डुप्लिकेट एंट्री और अवैध तरीके से मौजूद घुसपैठियों पर कार्रवाई में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार नहीं होगी। एसआईआर में कमी का अर्थ सीधी जिम्मेदारी तय होना है। हर जिले में पारदर्शिता और सख्ती दोनों अनिवार्य हैं।”
-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
“भाजपा का कार्यकर्ता बूथ पर सिर्फ मतदाता सूची नहीं देखता, वह लोकतंत्र की रक्षा करता है। फर्जी वोटरों, रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की पहचान में हर कार्यकर्ता की भूमिका स्पष्ट है- ‘हर घर संपर्क, हर बूथ सत्यापन।’ संगठन ने इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखा है।”
— धर्मपाल सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री (भाजपा)
“हमने सभी जिलाध्यक्षों और मंडल पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एसआईआर को अभियान की तरह नहीं, बल्कि जनसुरक्षा और सामाजिक संतुलन के मिशन की तरह लिया जाए। बूथ मजबूती ही भाजपा की पहचान है, और इसमें जरा भी कोताही स्वीकार नहीं।”
— भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, उत्तर प्रदेश
