Kanpur: गंगा में नहीं बनेगी टनल, फोरलेन पुल बनाने के लिए फिर से होगा स्थल चयन

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Published By Deepak Shukla
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ट्रांसगंगा सिटी को कनेक्टिविटी और बंद पड़े पुराने शुक्लागंज पुल के विकल्प की तलाश

कानपुर, अमृत विचार। शहर को ट्रांसगंगा सिटी और शुक्लागंज से जोड़ने के लिए गंगा में टनल बनाने की योजना पर विराम लग गया है। टनल की रुपरेखा और बजट बनाने के लिए तय की गई सलाहकार संस्था ने गंगा की सबसे निचली सतह 15 से 20 मीटर गहराई में काम किए जाने की संभावनाओं को नकार दिया है। इसके बाद गंगा पर फोरलेन पुल बनाए जाने की योजना पर दोबारा मंथन शुरू हो गया है। 

गंगा बैराज-शुक्लागंज मार्ग पर स्थित ट्रांसगंगा सिटी को वीआईपी रोड से सीधी कनेक्टिविटी देने के लिए गंगा नदी में दो किलोमीटर लंबी टनल बनाने की योजना तैयार की गई थी। सेतु निगम के अधिकारियों का कहना था कि टनल निर्माण से भूमि अधिग्रहण जैसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह टनल गंगा की धारा में 15 मीटर गहराई में तैयार की जानी थी। 

सेतु निगम ने गुड़गांव की कंसल्टेंट कंपनी को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा था। टीम ने सर्वे कार्य में गंगा की सबसे निचली सतह वाले तीन स्थानों का चयन करके योजना का परीक्षण किया। इसके बाद कंसल्टेंट टीम ने सेतु निगम को रिपोर्ट सौंपकर टनल निर्माण की योजना खारिज कर दी। कंसल्टेंट टीम के अनुसार जांच में पाया गया है कि गंगा की सतह से 15 मीटर नीचे जाकर टनल का कार्य कर पाना संभव नहीं है। 

टनल निर्माण के बाद उसे 15 मीटर गहराई में पुश करके स्थापित करने में  काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। टनल को पुश करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इस कारण टनल निर्माण संभव नहीं है। इस रिपोर्ट के बाद ट्रांसगंगा सिटी को वीआईपी रोड से जोड़ने के लिए फ्लाईओवर तैयार करने के विकल्प पर सेतु निगम तेजी से संभावनाएं तलाशने में जुट गया है। 

सरसैया व बाबा घाट के साथ टेफ्को से देखी जा चुकीं पुल की संभावनाएं

सेतु निगम गंगा पर फोरलेन पुल बनाने के लिए फिर से स्थल चयन की प्रक्रिया शुरू करेगा। पूर्व में तीन स्थल देखे गए थे, इनमें सरसैया घाट को जिलाधिकारी ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि पुल के कारण जाम लगेगा। डीएवी कॉलेज के पास बाबा घाट में बड़ी संख्या में मकान और अपार्टमेंट बाधक थे, इसलिए इस स्थल को भी छोड़ दिया गया था। अंत में तीसरा स्थल टेफ्को उपयुक्त माना गया था, लेकिन यहां भूमि का विवाद कोर्ट में होने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ी थी। यही वजह है कि अब फिर से नए स्थल का चयन करने का विचार है। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण गंगा पर फोरलेन पुल निर्माण के लिए धनराशि देने को तैयार है।

टनल निर्माण के लिए गंगा में कम से कम 20 मीटर की गहराई में जाकर काम करना होगा। टनल को तैयार कर पुश करने के लिए भी काफी जगह चाहिए, जो मिल नहीं रही है। इस कारण टनल की योजना पर विराम लगाया गया है। इसी तरह अधिकारियों के कार्यालय  वीआईपी रोड पर होने के साथ-साथ कचहरी भी है। सरसैया घाट चौराहे पर पुल बनाने में यही समस्या आड़े आ रही है। वहां पुल उतारने से जाम की समस्या सामने आ सकती है। ऐसे में अब नए सिरे से पुल के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। - डीके यादव, महाप्रबंधक, सेतु निगम।

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