Hindenburg Report: सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति ने हिंडनबर्ग के आरोपों को बेबुनियाद बताया, जानें क्या कहा...

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को शनिवार को बेबुनियाद बताया और कहा कि उनका वित्तीय लेन-देन एक खुली किताब की तरह है। 

बुच दंपति ने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने जवाब में चरित्र हनन की कोशिश करने का विकल्प चुना है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। 

हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।” शॉर्ट-सेलर ने (मामले से पर्दा उठाने वाले) “व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों” का हवाला देते हुए कहा, “सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।” 

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बुच दंपति ने अपने बयान में कहा, “हिंडरबर्ग की 10 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में हमारे ऊपर लगाए गए सभी बेबुनियाद आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं।” उन्होंने कहा, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय लेन-देन एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ वर्षों में सेबी को सभी आवश्यक वित्तीय रिकॉर्ड पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं।” 

बुच दंपति ने कहा कि उन्हें किसी भी प्राधिकारी के समक्ष अपना कोई भी वित्तीय दस्तावेज पेश करने में कोई आपत्ति नहीं है, जिसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं, जो उस अवधि के हैं, जब वे निजी नागरिक थे। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, पूर्ण पारदर्शिता के हित में हम उचित समय पर एक विस्तृत बयान जारी करेंगे।”  

जानिए क्या है हिंडनबर्ग का आरोप 

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ एक नया हमला किया। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

 हिंडनबर्ग ने अदाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।” शॉर्ट-सेलर ने “व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों” का हवाला देते हुए कहा, “सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।”

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