बरेली: नवाबगंज क्षेत्र में धान क्रय केंद्रों पर मनमानी, कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान
बरेली/नवाबगंज, अमृत विचार। नवीन उप मंडी नवाबगंज में खोले गए धान क्रय केंद्रों में मनमानी से खरीद की जा रही है। जिलाधिकारी, जिला खरीद अधिकारी से लेकर अन्य अधिकारी यहां के केंद्रों का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन व्यवस्थाएं सुधर नहीं रही हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में नवाबगंज के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिला खरीद …
बरेली/नवाबगंज, अमृत विचार। नवीन उप मंडी नवाबगंज में खोले गए धान क्रय केंद्रों में मनमानी से खरीद की जा रही है। जिलाधिकारी, जिला खरीद अधिकारी से लेकर अन्य अधिकारी यहां के केंद्रों का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन व्यवस्थाएं सुधर नहीं रही हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में नवाबगंज के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे।
जिला खरीद अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीके सिंह से मिलने के लिए सभी किसान उनके कार्यालय पहुंचे लेकिन वह वहां नहीं मिले। काफी देर इंतजार के बाद किसान जिलाधिकारी से मिलने के लिए कैंप कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्हें वहां से कलेक्ट्रेट भेज दिया गया। एक घंटे से अधिक समय तक किसान कलेक्ट्रेट में भटकते रहे। किसानों ने बताया कि केंद्र प्रभारी प्रतिदिन के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष खरीद नहीं कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में इतनी दूर केंद्र खोले गए हैं जहां किसान नहीं पहुंच पा रहे हैं। कई केंद्रों पर बिचौलिए के जरिए धान खरीदा जा रहा है। कई बार शिकायतें करने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। उप मंडी में पांच धान क्रय केंद्र हैं। खरीद ठीक से नहीं होने की वजह से मंडी स्थल में धान के ढेर लगे हैं। वाहनों की लाइनें लगी हैं। जिस कारण से खरीदे गए धान का लदान तक नहीं हो पा रहा है।
बिचौलिए किसानों से सस्ते में धान खरीद रहे हैं। राइस मिलों पर किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। धान में रिकवरी कम होने के कारण राइस मिल मालिक भी धान का उठान नहीं करना चाह रहे हैं। जिस वजह से खरीदा हुआ धन उप मंडी स्थल पर पड़ा हुआ है।
इधर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया कि एक-दो दिन में तीन और धान क्रय केंद्र खोले जाएंगे। वहां पर किसानों का धान खरीदा जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में हरिपाल सिंह, गुरजीत सिंह, सत्यपाल सिंह लाडी, संदीप सिंह, बलजीत सिंह, रंजीत सिंह, दीवान सिंह, जगजीत सिंह, हरविंदर सिंह, करनैल सिंह फौजी, सर्वजीत सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
