Unnao: चेतावनी बिंदु पर पहुंचा गंगा का जलस्तर; घरों के अंदर घुसा पानी, जान जोखिम में डालकर लोग आवागमन करने पर मजबूर

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Published By Deepak Shukla
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उन्नाव, अमृत विचार। शुक्लागंज में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर पहुंच गया है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति हो गई है। इसके बावजूद, जिला प्रशासन की ओर से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्थानीय निवासी और प्रभावित परिवारों ने प्रशासन की लापरवाही को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावें न चलने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।

बता दें, पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश होने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह सात बजे जलस्तर 111.790 मीटर मापा गया। जिसके बाद नौ बजे 111.990 मीटर पहुंच गया। वहीं सुबह दस बजे जलस्तर चेतावनी बिंदु 112 मीटर पर पहुंच गया। 

जलस्तर बढ़ने के कारण गोताखोर, हुसैन नगर, सैय्यद कम्पाउंड, कर्बला, शाही नगर, तेजी पुरवा, गगनी खेड़ा आदि इलाकों में बने मकानों के आस पास बाढ़ का पानी भर गया। जिससे वहां पर रहने वाले लोगों को आवागमन में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बाढ़ का पानी रूख कर गया है। जिससेे कटरी से लगे गांवों में भी गंगा का पानी भर गया। खेतों में पानी भरने के कारण सब्जी की फसलें बर्वाद होने का खतरा अब किसानों को सताने लगा है। 

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक बाढ़ राहत कार्यों को सही तरीके से नहीं संभाला है। बाढ़ के पानी की स्थिति को देखते हुए अब तक कोई राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है। इस लापरवाही के कारण, आने-जाने वाले लोगों को जान की जोखिम उठानी पड़ रही है। लोगों के अनुसार, बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रशासन द्वारा कोई स्पष्ट योजना नहीं बनाई गई है और ना ही प्रशासन के किसी भी नुमाइंदे ने स्थिति का जायजा लेने के लिए क्षेत्र का दौरा किया है।

बैराज बांध से छोड़ा गया करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी

बैराज बांध के पोस्ट रीडर गेज उत्तम पाल ने बताया कि नरौरा से 77 हजार 2 सौ 33 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं हरिद्वर से 1 लाख 20 हजार 8 सौ 48 क्यूसेक और कानपुर बैराज बांध से  2 लाख 43 हजार 8 सौ 60 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार सकता है।

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