नैनीताल: खनन सचिव को 30 सितंबर तक पेश होने के निर्देश

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने नैनीताल में वर्ष 2016-17 के बीच रहे जिलाधिकारी के कार्यकाल के दौरान 18 स्टोन क्रशरों का अवैध खनन एवं भंडारण पर लगाए गए 50 करोड़ से अधिक का जुर्माना माफ कर देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने खनन सचिव को 30 सितंबर तक वर्ष 2016 से अब तक राज्य में संचालित, स्टोन क्रशरों पर अवैध खनन एवं भंडारण पर लगाए गए जुर्माने की रिपोर्ट सहित स्वयं पेश होने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व में कोर्ट ने खनन सचिव को बुधवार को पेश होने को कहा था, लेकिन स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से वह पेश नहीं हो सके। उनकी जगह अपर सचिव लक्ष्मण सिंह पेश हुए और उन्होंने कहा कि खनन सचिव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इस कारण वह पेश नहीं हो पाए। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की जेलों की सुविधाओं के लिए सरकार के पास बजट नहीं है तो स्टोन क्रेशरों का जुर्माना किस आधार पर माफ किया।

कैदियों की दिहाड़ी भी ठीक से नहीं दी जा रही है। सुनवाई पर याचिकाकर्ता भुवन पोखरिया ने कहा कि तत्कालीन डीएम ने 186 लोगों पर जुर्माना आरोपित किया, परन्तु 18 स्टोन क्रशरों का जुर्माना माफ किया तो अन्य का क्यों नहीं।

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