कानपुर आईआईटी ने विकसित की डीटीआरएफ: देश में पहली बार प्रयोगशाला में विस्फोट तरंग के प्रसार का प्रदर्शन

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर ने संस्थान की कम्बशन और प्रपल्शन प्रयोगशाला में डेटोनेशन ट्यूब रिसर्च फैसिलिटी (डीटीआरई) विकसित की है। यह नवीन प्रयोग एयरोनॉटिक्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की सहायता से पूरा हुआ है। खास बात यह है कि डीटीआरआई दुनिया भर में कुछ ही देशों में उपलब्ध सुविधाओं में से एक है। 

इस सुविधा आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अजय विक्रम सिंह और उनके रिसर्च ग्रुप की ओर से विकसित हुई है। इस सुविधा ने भारत में पहली बार प्रयोगशाला में विस्फोट तरंग के प्रसार का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। 

डीटीआरएफ में किए गए शोध से खनन, औद्योगिक और घरेलू दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जंगल की आग के मार्ग की भविष्यवाणी करना भी आसान होगा। उच्च गति वाले विस्फोट-आधारित इंजनों की दक्षता में वृद्धि भी की जा सकेगी। तेल, गैस और दवा उद्योगों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत किया जा सकेगा। 

एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. अजय विक्रम सिंह ने बताया कि डेटोनेशन ट्यूब रिसर्च फैसिलिटी कम्बशन और प्रपल्शन के क्षेत्र में ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए विस्फोटों और विस्फोटों के पीछे के भौतिकी का पता लगाएगी।

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