Kanpur: पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को मिली बड़ी राहत, इस मामले में जमानत हुई मंजूर...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी नागरिक को गलत ढंग से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने के मामले में सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी सहित तीन लोगों की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। हालांकि इरफान सोलंकी अन्य मुकदमों के लंबित रहने के कारण अभी जेल में ही रहेंगे। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकलपीठ ने इरफान सोलंकी, उनके करीबी मन्नू रहमान और रिजवान मोहम्मद की जमानत याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।

मालूम हो कि प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह ने 11 दिसंबर 2022 को कानपुर नगर के मूलगंज थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं, विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 13,14 और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 3,12 के तहत रिजवान मोहम्मद, हिना खालिद व तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में दर्ज तथ्यों के आधार पर संदिग्ध वाहनों की जांच के दौरान प्रभारी निरीक्षक को सूचना मिली कि एक बांग्लादेशी व्यक्ति अपने परिवार के साथ गाड़ी में बैठा है जो अवैध रूप से कानपुर में फर्जी प्रपत्रों के आधार पर रह रहा है। जांच के दौरान अभियुक्त से जब यहां की नागरिकता के संबंध में वैध दस्तावेज तलब किए गए तो उसके पास ऐसा कोई प्रपत्र उपलब्ध नहीं था।

गहन पूछताछ के बाद अभियुक्त ने वास्तविकता बताते हुए कहा कि उसका विवाह दिल्ली में रहने वाली हिना खालिद से हुआ, लेकिन वह मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है। उसके तीनों बच्चों का जन्म व पालन-पोषण बांग्लादेश में ही हुआ है। वह हमेशा कानपुर से बांग्लादेश आता-जाता रहता है। उसकी निशानदेही पर उसके घर से विधायक इरफान सोलंकी के लेटर पैड पर निर्गत उसका फर्जी निवास प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जिस पर विधायक के मोहर व हस्ताक्षर मौजूद थे। इसके साथ ही अभियुक्त के ससुर खालिद मजीद का भी फर्जी निवास प्रमाण पत्र विधायक के लेटर पैड पर बनवाया गया था। इसके अलावा सभी अभियुक्तों का फर्जी आधार बनवाने के लिए विधायक द्वारा हस्ताक्षरित प्रपत्र भी बरामद किये गए।

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