रामपुर: मिलक में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग में तीन झुलसे
घटना को छिपाने में लगे रहे फैक्ट्री मालिक
मिलक, अमृत विचार। मिलक में स्थित पटाखा फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। इस दौरान तीन मजदूर आग में झुलस गए। फैक्ट्री संचालकों द्वारा घटना को छिपाने की कोशिश की जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया।
मिलक नगर के बिलासपुर रोड पर बूअलीशाह ट्रेडिंग कंपनी के नाम से पटाखा फैक्ट्री संचालित है। जिसमें विभिन्न प्रकार के पटाखों का निर्माण किया जाता है। फैक्ट्री में दिवाली त्योहार के मद्देनजर पटाखा बनाने का कार्य जोरों पर हो रहा है। वर्तमान में बड़ी तादाद में महिला और पुरुष मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मजदूर पटाखा बनाने का काम कर रहे थे। सुबह 9 बजे करीब पटाखों के ढेर में अचानक आग लग गई। आग लगते ही फैक्ट्री में भगदड़ मच गई। हादसे के दौरान मजदूर अपने आप को नहीं संभाल पाए। तीन मजदूर आग में झुलस गए। पटाखों की आवाज सुनकर सड़क से गुजर रहे राहगीरों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। आनन फानन में झुलसे तीनों मजदूरों को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका उपचार हो रहा है। फैक्ट्री संचालक ने घटना की सूचना फायर बिग्रेड व पुलिस को नहीं दी। फैक्ट्री में आग लगने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो फैक्ट्री में पटाखों की जली राख को संचालको द्वारा पानी से धोया जा रहा था। पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया। संचालकों से घटना की जानकारी ली,लेकिन संचालक पुलिस को पूरी और सही जानकारी देने में कतराते रहे। कोतवाल धनंजय सिंह से घटना की पूरी जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के बाहर सूख रहे पटाखे के ढेर में आग लग गई थी। जिसको बुझा लिया गया है। घायलों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है, फायर ब्रिगेड को घटना के बारे में बताया गया है। फैक्ट्री के संचालक शाकिर व जमीर अहमद से संपर्क किया गया तो उन्होंने घायलों के नाम और अस्पताल का नाम बताने में टालमटोल कर दी।
हादसा छुपाने में लगे रहे फैक्टरी संचालक
हादसा छिपाने के उद्देश्य से फैक्ट्री संचालकों ने पुलिस और फायर बिग्रेड को घटना की सूचना नहीं दी। घायलों को किसी को जानकारी न हो जाए। इसलिए उन्हें सरकारी अस्पताल में नहीं लाया गया। गोपनीयता दिखाते हुए बरेली के एक निजी अस्पताल में घायलों को भर्ती करा दिया गया। नुकसान की जानकारी भी फैक्ट्री मालिक नहीं दे पाए।