बदायूं : पूर्व जनप्रतिनिधि के बेटे ने कराई रिपोर्ट, स्पंज न होने पर आंदोलन करेंगे पालिकाकर्मी

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Published By Pradeep Kumar
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नगर पालिका की टीम पर आरोप लगाते हुए पूर्व जनप्रतिनिधि के बेटे ने 22 अक्टूबर को दर्ज कराई थी रिपोर्ट

बदायूं, अमृत विचार। बैंडिंग जोन में अतिक्रमण करने पर नगर पालिका के कर्मचारियों ने ताला डाल लिया था। तकरीबन एक साल के बाद नगर पालिका के लगवाए ताले तोड़ दिए गए और आगे तक अतिक्रमण कर लिया गया। नगर पालिका की टीम ने कब्जा करने वाले पूर्व जनप्रतिनिधि के बेटे से कब्जा हटाने को कहा। आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पालिका टीम से अभद्रता की। झूठे मुकदमा में फंसाने की धमकी दी। जिसके बाद रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। अब स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने डीएम और एसएसपी से शिकायत की है। कहा कि अगर पालिका के कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमा स्पंज नहीं किया जाता तो सभी कर्मचारी आंदोलन करेंगे।

स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सचिन सक्सेना व महामंत्री नारायण दत्त शर्मा ने डीएम और एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि नगर पालिका परिषद की ओर से बैंडिंग जोन के रूप में चिंह्नित सिंगलर गर्ल्स इंटर कॉलेज के पास अवैध रूप से लोहे के चार खोखे व दो सेट रख लिए गए थे। अतिक्रमण के चलते नगर पालिका ने 29 दिसंबर 2023 को ताले डाल दिए थे लेकिन 21 अक्टूबर 2024 को संबंधित क्षेत्र के सफाई नायक को ताले टूटे मिले। खोखों के सामने बांस से अस्थाई ढांचे का निर्माण करके अनाधिकृत रूप से व्यापार किया जा रहा था। नगर पालिका टीम के अवर अभियंता कृष्णगोपाल चंद्रा, मानचित्रकार शरीफ अहमद, बिल्डिंग क्लर्क नारायण दत्त शर्मा ने मौके पर मिले व्यक्ति से सामान हटाने को कहा तो व्यापारी ने बताया कि वह उस जगह का किराया देता है। आरोप है कि इसी दौरान पूर्व जनप्रतिनिधि के बेटे अमन और हर्ष प्रताप सिंह व चार-पांच अन्य लोग पहुंचे। पालिका टीम से अभद्र भाषा का प्रयोग किया। कहा कि अगर वहां से नहीं जाते समय उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा देंगे। जिसके बाद अगले दिन अमन ने नगर पालिका टीम पर रिपोर्ट दर्ज करा दी। महासंघ के अध्यक्ष सचिन सक्सेना ने कहा कि नगर पालिका टीम पर सिविल लाइन कोतवाली में दर्ज कराई गई रिपोर्ट को स्पंज किया जाना जरूरी है। साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी जमीन पर कब्जा करने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। अन्यथा नगर पालिका के सभी कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। जिसके लिए प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार होगी।

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