बरेलीवासियों ने भीषण गंदगी के बीच मनाया सबसे बड़ा त्योहार, नगर निगम ने दिवाली बनाई यादगार

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार : नगर निगम के नेतृत्व का हवाई दावों से काम चलाने में यकीन इतना बढ़ गया है कि धरातल पर कुछ हो ही नहीं पा रहा है। दिवाली से पहले पूरे शहर में विशेष सफाई अभियान का दावा किया गया था लेकिन लोगों को भीषण गंदगी के बीच त्योहार मनाना पड़ा। दिवाली की शाम सड़कों, कॉलोनियों और मोहल्लों में गंदगी जहां की तहां पड़ी रही, शुक्रवार को भी गंदगी के यह ढेर और ऊंचे होने के साथ सड़कों पर फैल गए लेकिन फिर भी कहीं सफाई कराने की सुध नहीं ली गई। कई जगह तो नालियां चोक होने से सड़क पर भरे गंदे पानी की वजह से दिवाली मनाने का मजा किरकिरा हो गया।

दिवाली से पहले विशेष सफाई अभियान की घोषणा करने के साथ नगर आयुक्त ने वार्डों में निरीक्षण किया और मातहत अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए, लेकिन इसके बावजूद दिवाली से पहले बुधवार को ही शहर में सफाई व्यवस्था ठप हो गई। कुछ विशेष इलाकों को छोड़कर सफाईकर्मी कहीं और सफाई करने नहीं पहुंचे। बृहस्पतिवार को दिवाली वाले दिन भी सफाई कर्मचारी गली मोहल्लों में नहीं पहुंचे, लिहाजा वहां कूड़े के ढेर लग गए। शाम को भी ये कूड़े के ढेर जैसे के तैसे पड़े रहे। लोगों को इसी गंदगी के बीच त्योहार मनाना पड़ा।

दिवाली पर आतिशबाजी से भी सड़कों पर काफी गंदगी फैली। इसके साथ घरों में सफाई के बाद निकले कूड़े को भी बाहर सड़कों डाल दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को तमाम इलाकों में गंदगी का भीषण नजारा दिखाई दिया। राजेंद्रनगर, सिविल लाइंस, गंगापुर, कटरा चांद खां, पीलीभीत रोड समेत तमाम इलाकों में गंदगी के ढेर लगे रहे। इससे उठ रही दुर्गंध ने आसपास से गुजरे लोगों को बेहाल रखा।

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी नहीं
शहर में शुक्रवार को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए भी गाड़ियां नहीं निकलीं। इस कारण लोग पूरे दिन झुंझलाते रहे। घरों में कूड़ा इकट्ठा हुआ तो लोगों को सड़कों और घरों के पास खाली प्लॉटों में फेंकना पड़ा। इज्जतनगर और प्रेमनगर के तमाम इलाकों में न डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने गाड़ी आई, न ही गली-मोहल्लों में झाडू लगाने वाले सफाई कर्मचारी पहुंचे।
गुस्साए लोग...

स्मार्ट सिटी नहीं इसे नरक सिटी कहिए
नगर निगम ने शहर को नरक बना दिया है। गंदगी से जीना दुश्वार है। शहामतगंज से रामपुर बाग रोड पर पुल के नीचे डलावघर बना रखा है। दिवाली वाले दिन सड़ांध की वजह से इस सड़क पर निकलना दूभर था। कूड़ा न उठने से शुक्रवार को हालत और ज्यादा खराब है- समीर खान, व्यापारी शहामतगंज।


दिवाली जैसे त्योहार पर भी न प्रशासन के अफसरों ने गंभीरता दिखाई न नगर निगम वालों ने। सफाई व्यवस्था के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। कहने को हमारे इलाके में तीन दिन पहले नगर आयुक्त निरीक्षण करने आए थे, लेकिन इसके बावजूद सफाईकर्मियों ने सुध नहीं ली- विनोद लोधी, गंगापुर।

शहर स्मार्ट सिटी नहीं बन पाया, नरक सिटी बनकर रह गया है। सिविल लाइंस पॉश इलाका है, शायद ही कोई जनप्रतिनिधि हो या प्रशासन का उच्चाधिकारी हो, जो यहां से न गुजरता हो। उसके बाद भी सफाई व्यवस्था का हाल इतना खराब है कि पहले कभी नहीं रहा- मनोज, मोबाइल व्यापारी सिविल लाइंस।

सफाई के मामले में बरेली की हालत बहुत खराब हो गई है। नगर निगम के अफसर सुनते नहीं, सफाईकर्मी मनमानी करते हैं। तीन दिन से शाहदाना से दरगाह जाने वाले मार्ग पर कूड़ा पड़ा है। उम्मीद थी शुक्रवार को कूड़ा उठा लिया जाएगा लेकिन स्थिति जस की तस रही- रियाज अहमद, पुराना शहर।

दिवाली के दिन सुबह नगर निगम के सफाई कर्मचारी कूड़ा उठाते हुए दिखे थे। लोगों ने इसके बाद घरों और दुकानों में सफाई की तो बाद फिर जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए। बृहस्पतिवार शाम को कूड़ा उठना चाहिए था लेकिन शुक्रवार को भी कोई कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं पहुंचा- मयंक, राजेंद्रनगर।

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