गैंगस्टर बबलू श्रीवास्तव की समयपूर्व रिहाई की याचिका खारिज की गई, UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने गैंगस्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ ​​बबलू श्रीवास्तव की समयपूर्व रिहाई की नवीनतम याचिका को खारिज कर दिया है, जो 1993 में अतिरिक्त सीमा शुल्क कलेक्टर की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने बताया कि गैंगस्टर को आतंकवाद-रोधी कानून सहित गंभीर अपराधों में दोषी ठहराया गया था। 

उन्होंने पीठ को बताया, ‘‘समयपूर्व रिहाई के लिए हाल ही में दायर याचिका को सक्षम प्राधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया, जो इस मामले में राज्यपाल का कार्यालय है।’’ प्रसाद ने बताया कि श्रीवास्तव ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और समयपूर्व रिहाई के लिए दायर की गई याचिकाओं की स्थिति का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह समय-समय पर रिहाई के लिए याचिका दायर करता रहा है। उसकी पहली याचिका 2016 में खारिज कर दी गई थी।’’ 

पीठ ने आठ नवंबर के अपने आदेश में श्रीवास्तव के वकील से अब तक दायर की गई सभी याचिकाओं के सभी आदेश और केस रिकॉर्ड दाखिल करने को कहा। बरेली केंद्रीय जेल में सजा काट रहे श्रीवास्तव ने समयपूर्व रिहाई के लिए अपनी याचिका पर विचार करने के वास्ते राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है। नवीनतम याचिका, जिसे छह नवंबर को खारिज कर दिया गया था, 24 जून, 2021 को दायर की गई थी। 

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