हल्द्वानी: छात्रावास अधीक्षक का इस्तीफा, प्राचार्य पर लगाया असहयोग करने का आरोप
हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज छात्रावास के मुख्य अधीक्षक डॉ. आरजी नौटियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। त्यागपत्र में उन्होंने प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी पर आरोप लगाया कि छात्रावास में अनुशासन बनाने के दौरान उनकी ओर से असहयोग किया गया है। जिस वजह से वह व्यक्तिगत तौर पर मानहानी झेल रहे हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के अंदर का माहौल फिर से बाहर आ गया है। कुछ माह पहले प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने रेस्पीरेट्री मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरजी नौटियाल को मेडिकल कॉलेज छात्रावास का मुख्य अधीक्षक बनाया था। छात्रावास में आये दिन अनुशासनहीनता के मामले सामने आते रहते थे। दायित्व संभालने के बाद डॉ. नौटियाल ने मेडिकल के विद्यार्थियों, कर्मियों पर कार्रवाई की।
साथ ही रैगिंग मामले में कार्रवाई में निर्णय शीघ्र लाना शुरू किये। एक समय माना जा रहा था कि मेडिकल कॉलेज का छात्रावास अब अनुशासन की पटरी पर आ रहा है लेकिन अचानक ही डॉ. नौटियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह साधारण त्याग पत्र नहीं है।
त्याग पत्र में डॉ. नौटियाल ने साफ तौर पर प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी पर आरोप लगाये कि आपके छात्रावास की स्थिति सुधारने, एनिमल वेलफेयर के नाम से स्ट्रीट डॉग्स के माध्यम से अराजकता फैलाने वाले, छात्रावास में लिपिकों व अन्य कर्मियों को अनुशासित करने के अलावा छात्र-छात्राओं पर नियम बनाने की वजह से वह व्यक्तिगत तौर पर मानहानि झेल रहे हैं। साथ ही शरारती तत्वों के हौसले अभी भी बुलंद है। इसलिये वह पद से त्यागपत्र दे रहे हैं।
डॉ. नौटियाल के प्रमुख निर्णय
-छात्र-छात्राओं का एक दूसरे के हॉस्टल में जाने पर प्रतिबंध।
-अक्टूबर माह में रैगिंग के मामले में सीनियर छात्र को तुरंत छात्रावास से निष्कासित किया।
-रैगिंग को रोकने के लिये एंटी रैगिंग स्क्वायड का गठन किया।
-छात्रावास के एक लिपिक पर कार्रवाई की।
-निजी वाहनों के इस्तेमाल पर कुछ छात्रों को निष्कासित किया।
-मैस का भुगतान न करने वालों से भुगतान वसूला गया।
एक लिपिक ने की थी फोन पर अभद्रता
डॉ. नौटियाल ने अपने कार्यकाल के दौरान छात्रावास के एक लिपिक पर कार्रवाई की थी। लिपिक उपनल के तहत कार्यरत था। इस बात से नाराज होकर लिपिक ने फोन पर डॉ. नौटियाल के साथ अभद्रता की थी। डॉ. नौटियाल ने इसकी सूचना प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी को भी दी थी। मेडिकल कॉलेज में कहा जा रहा है कि डॉ. नौटियाल के सख्त अनुशासन वाले रवैये की वजह से कई लोग अंदर ही अंदर नाराज चल रहे थे। इस वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा था।
सहयोग नहीं दिया यह कहना गलत है: प्राचार्य
प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि डॉ. नौटियाल का यह आरोप गलत है कि उन्हें सहयोग नहीं दिया गया। वह स्वयं भी छात्रावास में अनुशासन बनाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। इसलिये ही उन्हें दायित्व सौंपा था। कहा कि डॉ. नौटियाल से बात की जायेगी।
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