लखीमपुर से Kanpur Zoo आए बाघ की मौत: तीन लोगों की ले चुका था जान, पूरे शरीर में चोट के निशान मिले

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। लखीमपुर से कानपुर चिड़ियाघर लाए गए घायल बाघ की सेप्टीसीमिया से मौत हुई थी। घायल बाघ के शरीर पर 5 से 6 छोटे और बड़े चोट के निशान थे। चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि यह चोट किसी बड़े जानवर के साथ लड़ाई में लगी होगी। 

लखीमपुर से पकड़े गए बाघ को चिड़ियाघर में 26 नवंबर को लाया गया था। 29 नवंबर को उसकी मौत हो गई थी। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसके पैर और पूंछ के पास गहरे चोट के निशान थे। इसकी वजह से शरीर में जल्द संक्रमण फैल गया।

चिड़ियाघर के चिकित्सक डॉ. अनुराग सिंह ने बताया कि बाघ के शरीर पर घाव देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वह किसी बड़े जानवर के दांतों के निशान हैं। इसके अलावा बाघ के शरीर में कई तरह की छोटी चोट और खरोंच के निशान भी थे।

चिड़ियाघर के निदेशक केके सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में आया बाघ अपनी पूरी डायट नहीं ले रहा था। बाघ को यहां सभी जानवरों से दूर हॉस्पिटल में रखा गया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

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