Prayagraj News : कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर सीएमओ पर लगाया एक लाख का जुर्माना
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिकित्सा प्रतिष्ठान के लाइसेंस का नवीनीकरण न करने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर पर 1लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि सीएमओ ने समान विवाद में पहले भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। रिट कोर्ट के आदेश का दृढ़ता से पालन करना सीएमओ का कर्तव्य था। उनके लिए यह विकल्प नहीं था कि वह किसी अन्य उच्च प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दिए गए गलत प्रशासनिक आदेश का पालन करें। सीएमओ द्वारा की गई कार्रवाई से कानूनी दुर्भावना की बू आती है।
अतः कोर्ट ने उनके निजी खाते से जुर्माना राशि वसूलने का निर्देश दिया, साथ ही उक्त राशि को जिला मजिस्ट्रेट, सहारनपुर के खाते में जमा करने का आदेश दिया, जिसे जिले में सबसे जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को न्यूनतम भरण-पोषण भत्ते के रूप में वितरित किया जाए। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने अनन्या स्वास्थ्य केंद्र और अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। मामले के अनुसार याची ने बाजोरिया रोड, सहारनपुर में एक नर्सिंग होम चलाने के लिए 11 महीने की अवधि यानी 29 फरवरी 2024 तक के लिए किराया पत्र निष्पादित कराया। याची ने पत्र की अवधि समाप्त होने के बाद भी विभाजित परिसर पर कब्जा जारी रखा और किराया पत्र के आधार पर अपने चिकित्सा प्रतिष्ठान का पंजीकरण प्राप्त किया जो 30 अप्रैल 2024 तक वैध था।
किराया विलेख का नवीनीकरण नहीं किया गया था। जब याची ने अपने स्वास्थ्य केंद्र के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया तो विपक्षियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और मंडलायुक्त, सहारनपुर ने एक सूचना जारी कर कहा कि सीएमओ वैध किराया विलेख के बिना लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कर सकते। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने सीएमओ को बिना अनुमति के स्वास्थ्य केंद्र चलाने के लिए याची के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अंत में कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि किराएदारी से संबंधित विवाद याची के चिकित्सा प्रतिष्ठान के पंजीकरण के नवीनीकरण की मांग के अधिकार को प्रभावित नहीं करता है। इस आधार पर सीएमओ याची द्वारा किए गए नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार नहीं कर सकते थे।
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