ममता कुलकर्णी इस अखाड़े की बनीं महामंडलेश्वर, जानें नया नाम...महाकुंभ में किया अपना पिंडदान

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Published By Vishal Singh
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महाकुंभ नगर, अमृत विचार। बालीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की। सरकारी बयान के मुताबिक, महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने ममता का पिंडदान कराने के बाद महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक किया। बयान के अनुसार, किन्नर अखाड़े ने ममता को माई ममता नंद गिरी नाम दिया।

अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अब सनातन धर्म में शामिल हो गई हैं। किन्नर अखाड़ा में आज विधि विधान से संन्यास दीक्षा के बाद ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बनीं। उनका नया नाम अब माई ममता नंद गिरी हो गया है। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जूना अखाड़ा के जगदगुरू गर्गाचार्य मुचकुन्द पीठाधीश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि महराज और महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरी महराज ने महामंडलेश्वर माई ममता नंद गिरी को आशीर्वाद दिया।

ममता कुलकर्णी गुरुवार को महाकुंभ नगरी पहुंची। वह सेक्टर -16 संगम लोवर मार्ग पूर्वी पटरी पर लगे किन्नर अखाड़ा के शिविर में पहुंची। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज से भेंट हुई। इस दौरान करीब दो घण्टे तक विस्तार से सनातन धर्म, संन्यास सहित अन्य प्रसंगों पर चर्चा हुई। इस दौरान श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुन्द पीठाधीश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि महराज जूनागढ़ और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बा नंद गिरि महाराज मौजूद थी।

अभिनेत्री ममता आज दोपहर बाद किन्नर अखाड़ा पहुंची। आचार्यो ने संगम पर संन्यास दीक्षा और उनका पिण्डदान कराया। उसके बाद किन्नर अखाड़ा के शिविर में ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कार्यक्रम शुरू हुआ। किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज के नेतृत्व में विधि विधान से पूजन के बाद ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक संस्कार संपन्न हुआ। इस दौरान अखाड़े की परंपरा के अनुसार ममता कुलकर्णी का नया नाम माई ममता नंद गिरि रखा गया। 

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने कहा कि ममता नंद गिरी अब सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और मजबूती के लिए काम करेगी। उनका दीक्षा संस्कार और पट्टाभिषेक कार्यक्रम संपन्न हो गया है। पट्टाभिषेक कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर गर्गाचार्य मुचकुन्द पीठाधीश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि महराज, महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बा नंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी किरन नंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी मनिकंडन महराज, महामंडलेश्वर ऋषिकेश नंद गिरी, महामंडलेश्वर श्रीमहंत धैर्यराज नंद गिरी सहित अन्य लोग थे।

उधर, जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य जी महाराज श्रृंगवेरपुर धाम ने कहा कि सनातन धर्म को और मजबूती प्रदान करते हुए उसका प्रचार-प्रसार करना जरूरी है, यह काम किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज कुशलतापूर्वक कर रहे हैं। वह जहां सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करते हुए उसको आगे बढ़ा रहे हैं वहीं समाज के लोगों को जोड़कर सनातन धर्म को नयी दिशा और ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं।

अभिनेत्री ममता कुलकर्णी  ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं महाकुंभ की इस पवित्र बेला की साक्षी बन रही हूं, संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। मैंने 23 साल पहले अपने गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी से कुपोली आश्रम में दीक्षा ली थी और अब मैं पूरी तरह से संन्यासी जीवन में प्रवेश कर रही हूं।” ममता ने कहा, “मैंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना पट्टागुरु इसलिए चुना, क्योंकि आज शुक्रवार है और यह महाकाली का दिन है। कल मुझे महामंडलेश्वर बनाने की तैयारी चल रही थी। और आज मां शक्ति ने मुझे निर्देश दिया कि मैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को चुनूं, क्योंकि वह अर्धनारीश्वर का साक्षात रूप हैं। इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है कि कोई अर्धनारीश्वर मेरा पट्टाभिषेक करे।” उन्होंने कहा, “महामंडलेश्वर की उपाधि के लिए मुझे कड़ी परीक्षा देनी पड़ी। मुझसे सवाल किया गया कि मैंने 23 वर्षों में क्या किया? जब मैंने सभी परीक्षाएं पास कर लीं, तो मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि मिल गई।” 

ममता ने कहा कि उन्हें प्रयागराज पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है और 144 साल बाद ऐसे ग्रह-नक्षत्र बन रहे हैं कि कोई भी महाकुंभ इस महाकुंभ जितना पवित्र नहीं हो सकता। यह पूछे जाने पर कि उनकी ‘दीक्षा’ को लेकर कुछ संतों में नाराजगी है, ममता ने कहा, “कई लोग नाराज हैं। उन्हें लगता है कि मैं बॉलीवुड में वापसी करूंगी। लेकिन, जैसी ईश्वर की इच्छा... महाकाल और महाकाली की इच्छा के आगे किसी की नहीं चलती। वही परम ब्रह्म हैं।”

किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां ने बताया कि ममता ने आज गंगा तट पर अपना पिंडदान किया। उन्होंने बताया कि किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को दीक्षा दी। टीना मां के अनुसार, ममता पिछले दो वर्षों से जूना अखाड़ा से जुड़ी रही हैं और दो-तीन महीने पहले वह किन्नर अखाड़े के संपर्क में आई थीं।

उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने करीब पांच दर्जन फिल्मों में काम किया था जिसमें से कई  फिल्म सुपरहिट हुई थी उसके बाद फिल्म छोड़कर उनका रूझान सनातन धर्म की ओर हो गया था।

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