पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवीन चावला का 79 वर्ष की आयु में निधन, निर्वाचन आयोग ने जताया शोक

नई दिल्ली। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) नवीन चावला का शनिवार को निधन हो गया। चावला 79 वर्ष के थे। चावला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कई सुधार किए जिसमें तृतीय लिंग के मतदाताओं को ‘पुरुष’ या ‘महिला’ के रूप में मतदान करने के लिए बाध्य करने के बजाय ‘अन्य’ की नयी श्रेणी में मतदान करने की प्राथमिकता देना शामिल है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि 16वें सीईसी के तौर पर चावला ने निर्वाचन आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया को सीईसी के समान बनाने के लिए संवैधानिक सुधारों की वकालत की थी। बयान में कहा गया, ‘‘चुनावी प्रक्रिया के प्रति उनका नेतृत्व और प्रतिबद्धता भारत निर्वाचन आयोग में हमें प्रेरित करती रहेगी।’’
अन्य पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि वह चावला से करीब 10 दिन पहले मिले थे, उस समय चावला ने उन्हें बताया था कि उन्हें ब्रेन सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। कुरैशी ने कहा, ‘‘आज सुबह अपोलो अस्पताल में उनका निधन हो गया।’’
उन्होंने कहा कि जब वह आखिरी बार उनसे मिले थे, तब वह काफी खुश थे। चावला भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर (एजीएमयूटी) कैडर के 1969 बैच के अधिकारी थे। कुरैशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवीन चावला के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’
पूर्व नौकरशाह चावला 2005 से 2009 के बीच निर्वाचन आयुक्त रहे थे और उसके बाद अप्रैल 2009 से जुलाई 2010 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे। निर्वाचन आयोग में चावला के कार्यकाल के दौरान विवाद भी सामने आए। तत्कालीन विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी ने 2009 में सरकार से चावला को हटाने की सिफारिश की थी। चावला उस समय निर्वाचन आयुक्त थे। यह सिफारिश भाजपा द्वारा दायर याचिका के आधार पर की गई थी जिसमें चावला की ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ कार्यप्रणाली के खिलाफ शिकायत की गई थी। हालांकि सरकार ने इस सिफारिश पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी तथा 204 सांसदों ने 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को एक याचिका प्रस्तुत की जिसमें कथित पक्षपात के लिए चावला को निर्वाचन आयुक्त के पद से हटाने की मांग की गई थी।
भाजपा ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया था। चावला का जन्म 30 जुलाई 1945 को हुआ और उच्च शिक्षा सेंट स्टीफंस कॉलेज में प्राप्त करने से पहले उन्होंने सनावर के लॉरेंस स्कूल से स्कूली शिक्षा ली थी। सिविल सेवा करियर के दौरान उन्हें कई जिम्मेदारियां मिलीं। वह मुख्य रूप से दिल्ली में ही तैनात रहे, लेकिन कुछ समय के लिए उन्होंने अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में भी सेवा दी।
निर्वाचन आयुक्त नियुक्त होने से पहले वह केंद्रीय सचिव रहे और 2009 का लोकसभा चुनाव उनकी निगरानी में हुआ। चावला को मदर टेरेसा के जीवनी लेखक के रूप में भी जाना जाता है। ‘मदर टेरेसा’ शीर्षक वाली जीवनी 1992 में ब्रिटेन में पहली बार प्रकाशित हुई और तब से इसके कई अनुवाद तथा संस्करण आ चुके हैं।
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