Budget 2025: बजट को कर्मचारी संगठनों ने बताया खट्टा-मीठा, पुरानी पेंशन और महंगाई भत्ते को लेकर कही यह बात
.jpg)
लखनऊ, अमृत विचार। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में लगातार 8वीं बार बजट पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बजट में बड़ी राहत देते हुए कई चीजों के दाम कम किए हैं। हालांकि, इस बजट को कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारी हित में खट्टा-मीठा बताया है। कर्मचारी संगठनों के मुताबिक, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन और 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय की घोषणा का इंतजार था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका है। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) उत्तर प्रदेश के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने केंद्रीय बजट 2024-25 में NHM के लिए 36,000 करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत किया है। यह पिछले वर्ष के 31,550 करोड़ रुपये की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। साथ ही, हमें यह भी अपेक्षा है कि इस बढ़े हुए बजट से संविदा कर्मचारियों को "समान कार्य समान वेतन" और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा, जिससे वे प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराते हुए प्रदेश के नागरिकों की सेवा कर सकें।
इप्सेफ ने इनकम टैक्स में छूट का किया स्वागत
इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा, महासचिव प्रेमचंद और उप महासचिव व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बजट 2025 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री की तरफ से संसद में पेश किया गया बजट कर्मचारियों के लिए बेहतर है। इस बजट में आयकर सीमांकन में 12 लाख तक की आय पर छूट देना स्वागत योग्य है। वीपी मिश्रा ने बताया कि इप्सेफ ने नेट 10 लाख की मांग की थी। 12 लाख की छूट से अल्प श्रेणी के कर्मचारियों को राहत मिलेगी। उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि सीनियर सिटीजन को रेलवे किराया तथा अन्य मदों में विशेष छूट भी प्रदान की जाए।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव स्वागत योग्य
फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बजट पर प्राथमिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, 12 लाख तक की आय करमुक्त किया जाना स्वागत योग्य है, जो मध्यम वर्ग के नागरिकों और छोटे कार्मिकों के लिए लाभकारी होगा। इसके अलावा, 36 और कैंसर मेडिसिन को कस्टम ड्यूटी से मुक्त किया गया है, जो पीड़ित मरीजों को राहत देगी। उन्होंने कहा कि GIG (जिज) श्रमिकों अर्थात संविदा प्रथा और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के स्थान पर बढ़ावा दिया जा रहा है, स्थाई रोजगार सृजन न होने से तकनीकी और उच्च योग्यता धारक लोगों को अल्प वेतन और भविष्य की असुरक्षा के बीच कार्य करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा का अधिकार भी लागू किया जाना चाहिए।
ये पूरा देश मानता है कि आपदा काल में देश का सरकारी कर्मी और फार्मा उद्योग ने बड़ी जनहानि को रोका था, देश का नाम विश्व पटल पर स्वर्णाक्षरों में लिखा गया, लेकिन बजट में एक बार भी सरकारी कर्मियों के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया। कर्मचारी सरकार की नीतियों का पालन करता है और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है, लेकिन कर्मचारियों को हमेशा ही सौतेलेपन का शिकार होना पड़ता है। अधिकांश सरकारी कर्मी इस देश के मध्यम वर्ग का नागरिक है, जो देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। जिला चिकित्सालयों में कैंसर मरीजों के लिए डे केयर बनाए जाने की घोषणा अत्यंत महत्वाकांक्षी और जनहितकारी योजना है।
उन्होंने कहा कि देश में फार्मेसी क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, तकनीकी रूप से श्रेष्ठ मानव संसाधन 'फार्मेसिस्ट' उपलब्ध हैं। देश में ड्रग रिसर्च, निर्माण, औषधि व्यापार, चिकित्सालयों में फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता के साथ चिकित्सालयों में फार्माकोविजिलेंस की घोषणा आवश्यक थी। देश में लगभग 38 लाख योग्य फार्मा तकनीकी योग्यता धारक हैं, आखिर इनकी तकनीकी क्षमता का उपयोग कहां होगा, यह विचारणीय है। बजट में स्थाई रोजगार की घोषणा नहीं है, कर्मचारी कल्याण की घोषणा नहीं हुई है, अतः यह बजट कर्मचारी हितों के प्रतिकूल हुआ, वहीं आयकर स्लैब के बदलाव से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
प्रदीप गंगवार बोले खत्म हुआ वनवास
केजीएमयू के उप नर्सिंग अधीक्षक प्रदीप गंगवार ने कहा है कि पिछले दस वर्षों में नौकरी पेशा वर्ग आयकर से बहुत आहत और कुंठित महसूस कर रहा था। आज, दस वर्षों के वनवास के बाद, नौकरी पेशा वर्ग का स्वर्णिम समय आया है। हम सरकार के इस उचित निर्णय का स्वागत करते हैं और मिलने वाली टैक्स छूट की राशि को टी.बी. मरीज़ों पर खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह भी पढ़ेः Budget 2025: खेल में 350 करोड़ की बढ़ोतरी की घोषणा, ‘Khelo India’ को मिला सबसे बड़ा हिस्सा