Prayagraj News : घरेलू हिंसा के मामले में पीड़िता के साथ साझा घर में रह रहे रिश्तेदारों के खिलाफ कार्यवाही मान्य

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कई मामलों में पति के परिवार या घरेलू रिश्ते में रहने वाले व्यक्ति को परेशान करने के उद्देश्य से पीड़ित पक्ष ऐसे रिश्तेदारों को फंसा देते हैं, जो कभी उनके साथ साझा घर में नहीं रहे।

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत नोटिस जारी करते समय न्यायालय को यह ध्यान देना चाहिए कि जिस व्यक्ति को घरेलू हिंसा के मामले में फंसाया जा रहा है, क्या वह पीड़ित व्यक्ति के साथ साझा घर में रह रहा है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की एकलपीठ ने कृष्णावती देवी और छह अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

इसके साथ ही कोर्ट ने जिला न्यायालय को याचियों (सास और पति) के खिलाफ कार्यवाही करने तथा 60 दिनों के भीतर मामले का शीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिया। याची सहित छह अन्य (पति की विवाहित बहनें और बहनों में से एक का पति) ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दाखिल वर्तमान याचिका में अपर मुख्य न्यायाधीश, सोनभद्र की अदालत में घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत लंबित कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।

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