World Cancer Day: अगर दिखें ये लक्षण तो हो सकता है कैंसर, समय पर कराएं इलाज...मिलेगी निजात

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Published By Vikas Babu
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रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर विशेषज्ञों की टीम मरीजों के लिए बनी ढाल, रोगियों को मिल रहा बेहतर इलाज

बरेली, अमृत विचार : जिले के सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज के इंतजाम शून्य हैं मगर निजी अस्पतालों में साल दर साल बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। अधिकांश मरीज बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों पर भरोसा जता रहे हैं। पेश है विशेषज्ञों की कैंसर को लेकर अमृत विचार की टीम की बातचीत के कुछ अंश ...!

कुशल टीम कर रही कैंसर रोगियों का इलाज
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. अर्जुन अग्रवाल ने बताया कि कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज के लिए आधुनिक जांच मशीनों समेत विशेषज्ञों और कुशल स्टाफ की टीम है। इस टीम में वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मण पांडेय, वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संदीप रामावत, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. प्रारब्ध, डॉ. अंकिता पांडेय, पैरा मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ शामिल है। यह टीम मरीजों का बेहतर इलाज कर रही है।

बीते बरसों से लगातार कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कैंसर की जांच, इलाज और निगरानी में भी कई सार्थक बदलाव हुए हैं, जिसने कैंसर की कमर तोड़ी है। पहले जहां कैंसर के मामले सर्वाधिक बुजुर्गों में देखने को मिलते थे, लेकिन अब अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान से पुरुष, महिलाएं समेत बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

ओपीडी में परामर्श देते समय यह बात सामने आ रही है कि कैंसर के लक्षण होने पर मरीज घबरा जाते हैं और इलाज महंगा होगा और तमाम कारणों की वजह से समय पर जांचें नहीं कराते हैं लेकिन ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। शासन से संचालित आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री राहत कोष, ईएसआई समेत अन्य सुविधाएं हैं, जिनका लाभ मरीज ले सकते हैं और कैंसर का इलाज करा सकते हैं। अब कैंसर लाइलाज नहीं है और हर प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है। 70 प्रतिशत से अधिक कैंसर ठीक हो सकते हैं। देर से डॉक्टर के पास पहुंचना जानलेवा हो सकता है। पेट सीटी स्कैन की मदद से जहां सटीक जांच कर कैंसर का तुरंत पता लग जाता है। इसके आधार पर ही तुरंत मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है। अच्छी दवाएं और स्टेम सेल, कीमो, रेडिएशन समेत अन्य आधुनिक तकनीकों से मरीज इलाज पाकर कैंसर को मात दे सकते हैं। कई मरीजों ने कैंसर को मात दी है और अब सामान्य जीवन जी रहे हैं- डॉ. अर्जुन अग्रवाल, वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ एवं निदेशक रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट
भ्रांतियों पर न दें ध्यान, सटीक इलाज से कैंसर को दें मात
अक्सर मरीजों से बात करने पर यह सामने आया है कि बायोप्सी की जांच करने पर शरीर के दूसरे अंग में भी कैंसर फैलने का खतरा है, लेकिन ये मिथ्या है। बायोप्सी के लिए शरीर के संबंधित हिस्से से ऊतक या ट्यूमर का नमूना लिया जाता है, इसकी जांच कर बायोप्सी से कैंसर का पता चलता है। साथ ही कैंसर है या अन्य कोई संक्रमण है, इसकी जानकारी होती है। इसलिए बायोप्सी जांच से घबराने की जरूरत नहीं है। कैंसर को लेकर सबसे मुख्य बात यह है कि लक्षण होने पर अगर समय से विशेषज्ञ की सलाह लेते हैं तो पहली या दूसरी स्टेज के 50 से 60 फीसदी कैंसर ठीक हो सकते हैं। बस, लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कैंसर की चार स्टेज होती हैं। पहली स्टेज में कैंसर का पता लगने पर फौरन इलाज शुरू हो जाता है- डॉ. लक्ष्मण पांडेय, वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ, रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट।
बच्चों में बढ़ रहा हड्डी और दिमाग का कैंसर, बरतें सावधानी
युवा और बच्चे भी कैंसर से ग्रसित मिल रहे हैं। इंस्टीट्यूट में कई बच्चों को इलाज चल रहा है। बच्चों में हड्डी के साथ ही अधिकांश मामले दिमाग संबंधी कैंसर के मिल रहे हैं। इसलिए लक्षण होने पर इसको नजर अंदाज बिल्कुल न करें। हालांकि 10 फीसदी बच्चों में अनुवांशिक कारण हो सकते हैं। राहत की बात ये है कि बीते बरसों की तुलना में कैंसर को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है। इसी के चलते मरीज घरों से निकलकर डॉक्टरों के पास आ रहे हैं। बेहतर इलाज से स्वस्थ हो रहे हैं। अन्य को भी इससे प्रेरित होना चाहिए- डॉ. संदीप रामावत, वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ, रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट।

महिलाएं दें ध्यान, कहीं कैंसर के लक्षण तो नहीं
महिलाओं में स्तन और सर्वाइकल कैंसर के मामले सर्वाधिक सामने आते हैं। स्तन कैंसर विकसित होने के पीछे कई वजहें होती हैं। महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि अगर मासिक धर्म में कुछ परिवर्तन नजर आए तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। जैसे कि अगर 12 साल की उम्र से पहले ही मासिक धर्म शुरू हो जाए या 30 साल की आयु के बाद गर्भवती हों या 55 की उम्र के बाद मीनोपाज हो या फिर पीरियड्स का समय 26 दिनों से कम या 29 दिनों से ज्यादा हो जाए तो सतर्क हो जाएं। इस प्रकार के लक्षण होने पर कुशल डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

यह लक्षण होने पर तुरंत लें चिकित्सक की सलाह
शरीर के किसी भी हिस्से में बिना किसी चोट या मोच के दर्द रहना, अचानक वजन कम होना, थकान और आलस रहना, जल्दी-जल्दी बुखार आना, त्वचा के रंग या बनावट में परिवर्तन आना, शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ, किसी अंग से असामान्य रक्तस्राव होना, त्वचा या मुंह पर छाले जो ठीक न हो रहे हों जैसे लक्षण होने पर तुरंत कुशल चिकित्सक की सलाह लें।

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