छेड़ा, न लूटा न अधमरा किया, कोर्ट ने आरोपी को बरी किया

- एक लड़की ने युवक पर गंभीर आरोप लगाते हुए दर्ज कराया था मुकदमा - पुलिस की लचर विवेचना को आरोपी के अधिवक्ताओं ने बनाया हथियार

छेड़ा, न लूटा न अधमरा किया, कोर्ट ने आरोपी को बरी किया

हल्द्वानी, अमृत विचार : एक व्यक्ति पर एक लड़की को सरेराह छेड़ने का आरोप था। आरोप था कि उसने न सिर्फ लड़की को छेड़ा, बल्कि उसके साथ लूटपाट की और फिर उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा तो यह आरोप सिद्ध नहीं हुए। पुलिस की लचर विवेचना का आरोपी के अधिवक्ताओं ने लाभ उठाया और कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया। 


मामला लालकुआं कोतवाली क्षेत्र का था। मामले में आरोपी मनोज शाही की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रविंद्र राजीव बिष्ट और राजन सिंह मेहरा ने बताया कि घटना 27 जनवरी 2022 की शाम लगभग 6 बजे की है। आरोप था कि पीड़िता अपने घर से दूध देने जा रही थी। तभी अचानक पीछे से आए मनोज ने उसे पकड़ा और छेड़छाड़ करने लगा। विरोध पर मनोज ने पास पड़े डंडे से उसके सर में तबाड़तोड़ प्रहार किए। जिससे पीड़िता का दाहिना हाथ फैक्चर हो गया और उसकी सिर पर 19 टांके लगे। पीड़िता के कपड़े फाड़े और उसका मोबाइल व कान के कानफूलों को लेकर फरार हो गया।

इस मामले में मनोज पर धारा 408, 392, 504, 506 भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। मनोज शाही की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रविंद्र राजीव बिष्ट, राजन सिंह मेहरा अभियोजन के गवाहों की प्रतिपरीक्षा की और गवाहों के बयानों में  विरोधाभास और संदेह उत्पन्न करने में सफल रहे। अभियुक्त के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष तर्क रखा कि जिस डंडे से पीड़िता पर हमला हुआ, उस डाटे को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया लेकिन कभी न्यायालय में पेश नहीं किया। जिस आधार पर अपर जिला प्रथम हल्द्वानी अमरिंदर सिंह ने अभियुक्त मनोज सिंह शाही दोष मुक्त कर दिया।

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