पीलीभीत: नोटरी अधिवक्ताओं के अधिकार पत्र मामले में जितिन प्रसाद ने विधि एवं न्याय मंत्री को लिखा पत्र

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद सहित समूचे उत्तर प्रदेश में भारत सरकार द्वारा बनाए गए नोटरी अधिवक्ताओं को लंबे अरसे बाद भी कार्य करने का अधिकार पत्र न मिलने पर जिला संयुक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्र एडवोकेट ने केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद को पूरे मामले से अवगत कराया था। इस पर जितिन प्रसाद ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री को पत्र भेज कर नोटरी अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान का आग्रह किया है।

बताते हैं कि भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय (नोटरी सेल) द्वारा 14 मई 2024 को उत्तर प्रदेश के 1627 नोटरी अधिवक्ताओं की चयन सूची जारी की थी। जिसमें जनपद पीलीभीत से भी करीब पचास अधिवक्ता चयनित हुए थे। चयनित अधिवक्ताओं के सम्बंधित कागजात भी जून 2024 में विधि मंत्रालय में जमा कराए गए थे। करीब आठ माह बाद भी चयनित नोटरी अधिवक्ताओं को सर्टिफिकेट आफ प्रैक्टिस जारी नही किए गए। विधि एवं न्याय मंत्री भारत सरकार द्वारा सितंबर 2024 में इस आशय की एक वेबसाइट की शुरुआत की, जिसमें बताया गया कि नवचयनित नोटरी अधिवक्ताओं को वेबसाइट पर पृथक से आवेदन करना होगा। इस नई वेबसाइट पर अभी तक मात्र पांच राज्यों (गुजरात, राजस्थान, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश) के विकल्प ही खुले हैं। जबकि उक्त वेबसाइट पर उत्तर प्रदेश  का विकल्प, परिणाम घोषित हुए आठ माह बीत जाने के बावजूद भी नही खुला है, न ही नोटरी कार्य के लिए सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस जारी किए गए। जिला संयुक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्र एडवोकेट ने नोटरी अधिवक्ताओं की इस समस्या से केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद को बीते दिनों अवगत कराया था। इसका संज्ञान लेते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र भेजकर नोटरी अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान का आग्रह किया है।

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