NGT की रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे: कानपुर में पानी में तीन गुना पारा, शरीर बना रहा खोखला, इन जगहों की हालत बेहद खराब...
कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। शहर के कई क्षेत्रों में भूजल सेहत के लिए इतना हानिकारक हो चुका है कि इसे पीने पर खतरनाक बीमारियों की चपेट में आना तय है। एनजीटी को कई स्थानों पर पानी में पारा (मरकरी) की मात्रा स्वीकृत मानक से तीन गुना ज्यादा मिली है। क्रोमियम भी पाया गया है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसा पानी पीने से कैंसर, शरीर में कंपन, धमनियों में ब्लॉकेज, हड्डियां गलने और गुर्दे खराब होना तय है।
एनजीटी ने पिछले दिनों गोलाघाट और अफीमकोठी में हैंडपंप, राखी मंडी बंबुरहिया में पुराने और नए पंप (बोरवेल) से भूजल के नमूने लिए थे। इन सभी स्थानों पर पानी में खतरनाक तत्व क्रोमियम और मरकरी दोनों ही मिले हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार भू जल में क्रोमियम से ज्यादा मरकरी की अधिकता है।
गोलाघाट के हैंडपंप में मरकरी सबसे ज्यादा 3.14 मिग्रा प्रति लीटर मिली है, जबकि बीआईएस का पेयजल में मरकरी का मानक 1 मिलीग्राम प्रति लीटर है। राखी मंडी बंबुरहिया में पुराने बोरवेल के पानी में मरकरी की मात्रा 2.32, नये बोरवेल में 1.57 और अफीमकोठी में बोरवेल में 2.46 मिग्रा प्रति लीटर मिली है।
राखी मंडी में आयरन 6 गुना ज्यादा
राखी मंडी में मंदिर के पास लगे हैंडपंप से लिये गये पानी के नमूने में एनजीटी को 6.512 मिलीग्राम प्रति लीटर आयरन मिला है। बीआईएस के अनुसार पीने के पानी में आयरन की स्वीकृत मात्रा 0.05 मिलीग्राम प्रति लीटर है। राखी मंडी बंबुरहिया में लगे नये बोरवेल में आयरन की मात्रा 1.07 मिलीग्राम प्रति लीटर मिली है। नगर निगम प्रयोगशाला में कार्यरत केमिस्ट अलका सिंह ने बताया कि भूजल की जांच रिपोर्ट में मिली भारी धातु मरकरी की मात्रा खतरनाक स्तर पर है। इससे कैंसर, शरीर में कंपन, धमनियों में ब्लॉकेज के साथ पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
जलकल, नगर निगम और भूगर्भ विभाग को असुरक्षित पेयजल स्त्रोतों को सील करने के लिये पत्र लिखा है। सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए हर संभव काम किये जा रहे हैं।- अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
