संपादकीय: मोटापे से मुकाबला

संपादकीय: मोटापे से मुकाबला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता से समझा जा सकता है कि लोगों की बदली जीवनशैली की वजह से हृदय रोग, मोटापा और कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों का विस्तार हो रहा है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां, दैनिक जीवन की आदतों जैसे कि भोजन, नींद, व्यायाम दिनचर्या, तनाव के स्तर आदि से जुड़ी हुई हैं। इन्हें एनसीडी भी कहा जाता है। भारत में अधिक वजन और मोटापे को अक्सर व्यक्तिगत मुद्दा माना जाता है। मोटापे या अधिक वजन को सामान्य माना जाता है। शुक्रवार को सिलवासा में विकास कार्यों का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रस्त होंगे। उन्होंने इन आंकड़ों को चौंकाने वाला और खतरनाक बताया। उन्होंने स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों के साथ ही मोटापा की बीमारी का विशेष रुप से उल्लेख किया।

इसका मतलब है कि हर 3 में से एक व्यक्ति ओबेसिटी की वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है, ये मोटापा जानलेवा बन सकता है। यानी हर परिवार में कोई एक व्यक्ति ओबेसिटी का शिकार होगा, ये कितना बड़ा संकट हो सकता है। हमें अभी से ऐसी स्थिति को टालने का प्रयास करना ही होगा। विश्व मोटापा संघ का अनुमान है कि भारत में बचपन के मोटापे में वार्षिक वृद्धि दुनिया में सबसे अधिक है। वयस्कों और बच्चों में अधिक वजन और मोटापा पिछले 15 वर्षों में दोगुना हो गया है और पिछले तीन दशकों में तीन गुना हो गया है।

द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी (2023) में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि भारत में 20 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में, हर तीसरे (35 करोड़) में से एक को पेट का मोटापा है, हर चौथे व्यक्ति (25 करोड़) में से एक को सामान्य मोटापा है और हर पांचवें व्यक्ति (21 करोड़) में से एक को रक्त कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर है। 

प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि लोगों के खाने में  तेल कम करना मोटापा कम करने की दिशा में ये बहुत बड़ा कदम होगा। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए शारीरिक गतिविधियां बढ़ाने, आहार संबंधी आदतों को बदलने, धूम्रपान बंद करने और पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। जीवनशैली में बदलाव करके मोटापे से मुकाबला किया जा सकता है। स्कूलों में पोषण शिक्षा कार्यक्रम लागू करने से भी मोटापे की समस्या का एक हद तक मुकाबला किया जा सकता है। साथ ही मोटापे की समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक योजना बनाने की ज़रूरत है।

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