वक्फ संशोधन विधेयक: विपक्ष के आरोपों को जेपी नड्डा ने किया खारिज, कहा- कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं राज्यसभा में सदन के नेता जगत प्रकाश (जेपी) नड्डा ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष की ओर से लगाये जा रहे आरोपों को खारिज करते हुये गुरुवार को कहा कि इसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सुधार के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है।

नड्डा में सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 पर चल रही चर्चा के दौरान कहा “ मुझे उम्मीद है कि विधेयक का समर्थन होगा। इस सदन के माध्यम से जो नैरेटिव बनाया जा रहा है, उसका मैं पुरजोर विरोध करता हूं।” 

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप आगे बढ़ रही है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को लेकर विपक्ष का कहना है कि हमने बना दी। 2013 में इसी विधेयक पर जब जेपीसी बनी थी तब सिर्फ 13 सदस्य थे। इसमें 31 सदस्य थे। आप समझ सकते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुकरण करने के क्या पैमाने हो सकते हैं। वाद-विवाद तर्क पर होगा या जबरदस्ती होगा। 

जेपीसी की 36 मीटिंग हुईं। 200 घंटे से ज्यादा जेपीसी की गतिविधियां चलीं। सभी धाराओं पर एक एक करके चर्चा की बात आई, चर्चा क्या होती है। कांग्रेस के जमाने में 2013 में केवल 22 बैठकें हुई थीं। उस समय तो जम्मू-कश्मीर ही था। श्रीनगर, जम्मू, लेह, आप वहां गए। अभी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल तो 10 स्थानों पर गए।” 

नड्डा ने दोनों जेपीसी से जुड़े आंकड़े गिनाए और कहा कि कुछ लोग इस पर गुमराह कर रहे हैं। इस पर चर्चा के दौरान किसी को बिहार का चुनाव दिख रहा है तो किसी को केरल का सिनेमा। उन्होंने कहा कि श्री जॉन ब्रिटॉस वैधानिक तरीके से पूरी तरह सशक्त हैं। चालाकी से पूरी बात अंग्रेजी में कही लेकिन जब कुछ अवांछित कहना था तब मलयाली में कहा। 

इसलिए उन्होंने श्री सुरेश गोपी को भी कहा कि बैठ जाओ। ये विधेयक पार्टी नहीं, देश के हित में है। हमें वोट बैंक की राजनीति के हित से बाहर निकल के राष्ट्र हित में सोचने की जरूरत है। श्री मोदी के नेतृत्व का सपना ये है कि सबका विकास होगा। उन्होंने कहा “ हम लिप सर्विस नहीं, रियल सर्विस करते हैं।” 

उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति का सही रखरखाव जरूरी है। वक्फ संपत्ति में गड़बड़ी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। जानना चाहता हूं कि 70 साल तक किसने मुस्लिमों को डराकर रखा। कांग्रेस ने 70 साल ये करके देख लिया और इसीलिए वहां बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक तो बहुत पहले ही उच्चतम न्यायालय ने कह दिया था कि खत्म हो जाना चाहिए। क्या मजबूरी थी। कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखा। 

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