ऊर्जा निगमों के निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे बिजली अभियंता, 9 अप्रैल को निकालेंगे रैली
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लखनऊ, अमृत विचार। ऊर्जा निगमों के निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत बिजली अभियंता अब अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाएंगे। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की दो दिन चली आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया। फिलहाल हड़ताल की तारीख की घोषणा नहीं की गई है, पर सूत्रों के अनुसार 9 अप्रैल को प्रस्तावित रैली के तत्काल बाद हड़ताल शुरू होने की संभावना है। अभियंताओं ने ‘फेसियल अटेंडेंस’ का भी विरोध करने का निर्णय लिया है।
अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि अभी अभियंता संघ ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के घटक संगठन अपने स्तर पर आंदोलन का निर्णय लेंगे। बैठक के दौरान अभियंता संघ ने निजीकरण को अभियंता विरोधी और जनविरोधी कार्रवाई करार देते हुए राज्य सरकार से मांग की कि प्रदेश के व्यापक हित में निजीकरण का फैसला वापस लिया जाय।
उन्होंने बताया कि अभियंता संघ ने ‘फेसियल अटेंडेंस’ का विरोध करने का भी निर्णय लिया है। सभी अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि वे ‘फेसियल अटेंडेंस’ के एकतरफा मनमाने आदेश का पालन न करें और न ही इसके लिए अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव डालें। संघ की आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता अभियंता संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह ने की। बैठक में प्रभात सिंह, जयशंकर राय, रणवीर सिंह, जगदीश पटेल, आलोक श्रीवास्तव, अजय द्विवेदी, अंकुर भारद्वाज, राहुल बाबू कटियार, सुबोध झा, मनोज कुमार सिंह आदि शामिल हुए।
आवास पर नहीं लगने देंगे स्मार्ट मीटर
अभियंता संघ ने इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000 के उल्लंघन में बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाकर रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने की कार्रवाई का प्रबल विरोध किया है। निर्णय के तहत कोई भी अभियंता अपने निवास पर स्मार्ट मीटर नहीं लगवाएगा और न ही इसके लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारी पर कोई दबाव डालेगा।
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