वर्दी और थाने जैसा माहौल देखकर दहशत में आ गए; कानपुर में 44 दिन डिजिटल अरेस्ट रहे, फ्लैट को भी दांव पर लगाने वाले थे...

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Published By Nitesh Mishra
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पहले कराए 50 लाख ट्रांसफर फिर एलआईसी तुड़वा दी  

कानपुर, अमृत विचार। कर्मचारी भविष्य संगठन से सेवानिवृत्त विनोद कुमार झा के अनुसार सीबीआई अधिकारी बनकर ठग ने पहले 50 लाख रुपये ट्रांसफर कराए। फिर 30 लाख की एलआईसी तुड़वा दी। ठगों ने घर में रखी ज्वैलरी पर गोल्ड लोन करवाया और इससे भी 6 लाख और हड़प लिए। 

पीड़ित के अनुसार वर्दी के साथ सीबीआई का लोगों देखकर वह दहशत में आ गए और कहे अनुसार वह वाट्सएप कॉल और ऑडियो पर बात करते रहे। जांच करने का तरीका और आईटी व सीबीआई की जांच वाले लेटर भेजकर साथ ही कई बार थाने जैसी चहल पहल दिखाने के बाद कुछ समझ ही नहीं आया। डिजिटल अरेस्ट रखे जाने के दौरान पत्नी, बेटों व देखरेख करने वाले भतीजे को कुछ भी नहीं जानकारी दे सके।

ईपीएफओ में विजिलेंस अफसर भी रहे 

पीड़ित विनोद झा का कहना था कि वह ईपीएफओ में विजिलेंस अफसर भी रहे। घर में पत्नी रेनू झा और बड़ा बेटा हेमंत झा बैंक कर्मी हैं। जो आजाद नगर में पत्नी बच्चों के साथ रहते हैं। दूसरा बेटा अवनीश झा सूरत में परिवार के साथ रहकर प्राइवेट जॉब करता है। गीता नगर क्रॉसिंग के पास रहने वाले भतीजे राजीव झा उनकी देखरेख करते हैं। 

आप दो दिन के लिए दिल्ली आइए 

पीड़ित के अनुसार सीबीआई अधिकारी ने कहा कि आप दो दिन के लिए दिल्ली आ जाइए। इस पर कहा कि शुगर, बीपी का पेशेंट हूं, इस वजह से आने में असमर्थ हूं। इस पर कहा कि जेल जाना पड़ेगा। कहा कि आपको संबंधित पुलिस अफसर का मोबाइल नंबर दे रहा हूं। उन्हें बताइए कि मेरा नाम अमित चौधरी मनी लांड्रिंग में संदिग्ध के रूप में शामिल किया गया है। 

मामला 730 करोड़ की टैक्स चोरी का है 

साइबर ठग ने फोन पर कहा कि मामला 730 करोड़ की टैक्स चोरी का है। इसकी जानकारी किसी को नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को इस मामले की जानकारी दी तो 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये जुर्माना लगेगा। जिस पर पीड़ित विनोद कुमार झा ने बताया कि वह बहुत डर गए हैं। किसी को कुछ नहीं बताया है। 

फ्लैट के नाम पर भी लोन कराने की थी तैयारी 

पीड़ित विनोद कुमार झा ने बताया कि साइबर ठगों ने फ्लैट के पेपर दिखाने को कहा। फिर पूछा फ्लैट किसके नाम पर है। इस पर भी 50 लाख का लोन कराने की बात कही। इसी बीच मेरी पेंशन आने में देरी हुई। इस पर मैंने पीएफ ऑफिस में काम करने वाले भतीजे राजीव झा को कॉल की। 

उससे पूछा कि दो अप्रैल हो गए, अभी तक पेंशन नहीं आई। भतीजे ने मुंबई निवासी अपने बड़े भाई से बात की। जब उन्होंने अकाउंट चेक किया तो सामने आया कि 24 मार्च को चाचा विनोद झा ने 6.80 लाख का गोल्ड लोन लिया है। इसके बाद और अकाउंट की जांच की तो देखा कि करीब 80 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है।

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