Bareilly: 5 करोड़ की योजना, 2 करोड़ खर्च...फिर भी पौधे मुरझा गए!

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: शहर हरा भरा दिखे इसके लिए डिवाइडरों पर भी पौधे लगाए गए। इन्हें समय से पानी मिले, देखभाल की जाए इसके लिए एक फर्म को सवा पांच करोड़ का ठेका दिया गया। इस रकम में करीब 2 करोड़ रुपये खर्च भी हो गए। अब हालात ये हैं कि पौधे देखरेख के अभाव में सूख रहे हैं। समय से पानी नहीं दिया जाता। बचाने के अन्य उपाय नहीं किए जा रहे। कई जगहों से तो पौधों का सफाया ही हो गया है।

आगरा की परमार कंस्ट्रक्शन को नगर निगम के उद्यान विभाग में डिवाइडर, पार्क आदि स्थानों पर लगे पौधों की देखभाल, सिंचाई आदि का टेंडर मिला है। इस फर्म को स्मार्ट सिटी कंपनी ने 3 अक्टूबर 2020 में फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में जमानत राशि जब्त कर ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। बावजूद टेंडर की शर्तों में हेरफेर कर 5.28 करोड़ का ठेका 5 नवंबर 2024 को दे दिया गया। 

टेंडर के अनुसार इसे दो साल तक 125 माली व कर्मचारी रख शहर के 320 पार्कों और 22 डिवाइडरों पर लगे पौधों की देखभाल करनी है। साढ़े पांच माह में करीब दो करोड़ रुपये खर्च भी हो गए लेकिन पौधों की हालत खराब है। देखरेख और पानी के अभाव में कई डिवाइडरों पर लगे पौधे सूख गए। इधर फर्म का फर्जीवाड़ा खुलने के बाद जांच बैठ गई है। फर्म को काम से रोक दिया गया है। तब तक पौधों की देखभाल उद्यान विभाग करेगा।

इन डिवाइडरों पर लगे पौधे सूखे
इज्जतनगर रोड पर डिवाइडर पर लगे पौधे सूख चूके हैं। पीलीभीत बाइपास रोड पर जगह- जगह पौधे सूख गए। स्काई वाॅक के नीचे लगे पौधे सूख गए। अब केबल मिट्टी रह गई है। सेटेलाइट से श्यामगंज चौराहे तक डिवाइडर और सड़क के किनारे लगे पौधे अधिकांश जगहों पर सूख चुके हैं।

सड़क किनारे फुटपाथ पर केवल मिट्टी रह गई है। सिविल लाइंस रोड पर भी डिवाइडर पर लगे पौधे खराब हो गए हैं। इतना ही नहीं जंक्शन के पास बने चौराहे पर पार्क में लगे आधे से अधिक पौधे सूख चुके हैंं और बाकी मुरझा गए हैं। इसके अलावा करीब 15 पार्कों को छोड़ दिया जाए तो दामोदर स्वरूप पार्क, सिविल लाइन आवास विकास पार्क, बुद्ध पार्क समेत कई अन्य पार्कों में देखभाल न होने से पौधे सूख रहे हैं।

जहां अफसरों आना-जाना वहीं दिया ध्यान
उन्हीं जगहों पर पौधों की देखरेख की जा रही है जहां अधिकारियों एवं वीआईपी का आना जाना होता है। जिन मार्गों से अधिकारी गुजरते हैं, वहां पौधों की सिंचाई की जाती है। पौधों को पानी देने के लिए करीब पांच पानी के टैंकरों की व्यवस्था की है। निगम के सूत्रों के अनुसार एक माली को 12 से 15 हजार रुपये मानदेय देने की बात फर्म ने अधिकारियों को बताई है। घपला सामने आने पर अप्रैल 2025 से भुगतान पर नगर आयुक्त ने रोक लगा दी है। टेंडर देने में गड़बड़ी की जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जांच पूरी होने तक फर्म को काम से रोक दिया गया है। निर्देश दिए गए है कि वर्क आर्डर भी जारी न करें। पौधों की देखरेख के लिए उद्यान विभाग को निर्देश दिए गए है- संजीव कुमार मौर्य,नगर आयुक्त।

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