सुलतानपुर: अपहरण के दोषी को पांच साल की सजा, लगा इतने का जुर्माना

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Published By Vishal Singh
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सुलतानपुर, अमृत विचार। अमेठी जिले के एक गांव से किशोरी के अपहरण के दोषी मोहम्मद वाहिद को पॉक्सो कोर्ट के जज नीरज श्रीवास्तव ने गुरुवार को पांच साल की जेल और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। कोर्ट ने जुर्माने की सम्पूर्ण रकम पीड़िता को देने का आदेश भी दिया है। 

एडीजीसी रवींद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, दो अगस्त 2020 की घटना में दर्ज हुए केस में पीड़िता के परिजन ने किशोरी के लापता होने का केस दर्ज कराया। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने चंडीगढ़ से आरोपी के कब्जे से पीड़िता को बरामद कर आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म, और हत्या की धमकी के आरोप में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने छह गवाहों की गवाही दर्ज कराई। कोर्ट ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को केवल अपहरण के आरोप में दोषी पाया और उसे पांच साल की जेल की सजा सुनाकर जेल भेज दिया।

गबन के मामले में साइकिल व्यापारी तलब, 17 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश
अपर सिविल जज (प्रवर खंड) प्रथम/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश चंद्र गौतम की अदालत ने साइकिल व्यापारी अंकुर अग्रवाल को गबन के एक मामले में तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

बंधुआकला थानाक्षेत्र के मनियारपुर निवासी मो. कलीम द्वारा दाखिल परिवाद में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2016 में बंधुआ कला में साइकिल की दुकान शुरू की और चौक स्थित अग्रवाल साइकिल स्टोर से सामान लेना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अंकुर अग्रवाल को सादा चेक हस्ताक्षरित कर दिए थे। आरोप है कि अंकुर अग्रवाल और उनकी पत्नी ने आपसी साठगांठ से सादे चेकों का दुरुपयोग कर उनके खाते से वास्तविक देनदारी से अधिक कुल 29,75,740 रुपये निकाल लिए, जबकि हिसाब 13,70,138 रुपये का ही बनता है।

परिवादी के अनुसार, जब उन्होंने रकम वापस मांगी तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस में शिकायत पर कार्रवाई न होने पर मो. कलीम ने धनंजय द्विवेदी के जरिए कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने परिवादी और साक्षियों के बयान, दस्तावेजों के अवलोकन के बाद आरोपी अंकुर अग्रवाल को तलब करने का आदेश दिया है, जिससे आरोपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

डॉक्टर हत्याकांड में गवाही देने नहीं हाजिर हुए दरोगा
शहर के शास्त्री नगर मोहल्ले में बीते साल संविदा चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड में अपर सेशन जज संतोष कुमार की कोर्ट में गुरुवार को अभियोजन पक्ष के पंचायतनामा गवाह गवाही देने हाजिर नहीं हुए। वहीं, इसी मामले में आरोपी जगदीश नारायण सिंह की मृत्यु होने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। 

पीड़ित पक्ष के वकील संतोष पांडेय ने बताया कि अभियोजन पक्ष के पंचायतनामा गवाह दरोगा नियाजी हुसैन की गवाही होनी थी, पर वे हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने 23 सितंबर 2023 की शाम हुए हत्याकांड के मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह, उसके पिता जगदीश नारायण सिंह और ड्राइवर दीपक सिंह पर कोर्ट ने सामान्य आशय से हत्या, आपराधिक षड़यंत्र और दहशत फैलाने के आरोपों में मुकदमा चलाने के लिए आरोप तय किए थे, जिनका ट्रायल जारी है। इसी मामले में एक आरोपी विजय नारायण सिंह की हत्या हो चुकी है। वहीं आरोपी जगदीश नारायण की मृत्यु हो चुकी है।

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