50 हजार महिलाएं UP में बनेंगी 'रेशम सखी', मिलेगा रोजगार, जानें क्या है खास प्रोजेक्ट
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लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के लिए योगी सरकार एक नया प्रोजेक्ट लाने जा रही है। जहां महिलाओं को अब घर बैठे रोजगार पाने का एक नया अवसर मिल रहा है। राज्य सरकार की एक नई पहल के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अब 'रेशम सखी' बनेंगी। ये रेशम सखी रेशम कीट का पालन करके अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगी। रेशम सखी योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
राज्य सरकार की इस योजना को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग मिलकर लागू कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में 50 हजार महिलाओं को रेशम उत्पादन के कार्य से जोड़ा जाए। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे रेशम कीट पालन की तकनीक को अच्छी तरह सीख सकें और इस क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकें।
2 तरह के रेशम पालन की दी जाएगी जानकारी
योजना के तहत महिलाओं को दो प्रकार के रेशम पालन की जानकारी दी जाएगी। इसमें शहतूत रेशम और तसर रेशम शामिल है। इसके लिए दो अलग-अलग एक्सपोजर विजिट आयोजित भी की गयी। एक टीम को कर्नाटक के मैसूर गई, जहां उन्होंने शहतूत रेशम पालन की ट्रेनिंग ली। वहीं दूसरी टीम झारखंड के रांची गई, जहां तसर रेशम पालन के बारे में लोगों ने ट्रेनिंग ली।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 जिलों की अभी 7500 महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा। इन सभी जिलों में इस कार्यक्रम का सघन क्रियान्वयन किया जाएगा। ये योजना महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि प्रदेश में रेशम उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
महिलाओं को मिलेगा ढ़ेर सारा लाभ
प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ये योजना उनकी आय में वृद्धि करेगी साथ ही सरकार कई तरह की योजनाओं का क्रियान्वयन भी कर रही है। रेशम कीट पालन करके राज्य में महिलाओं की आमदनी में दुगना इजाफा होगा। इसके साथ ही इस योजना से राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए ये सकारात्मक परिणाम ला सकता है।
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