'दुनिया भारत के ज्ञान का सम्मान करती है', यूनेस्को द्वारा 'गीता और नाट्यशास्त्र' को सम्मान मिलने पर बोले गृहमंत्री अमित शाह 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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अमृत विचार। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को भगवद् गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के ‘विश्व स्मृति रजिस्टर’ में शामिल किए जाने की सराहना की तथा कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने सांस्कृतिक ज्ञान को वैश्विक कल्याण के केंद्र में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। शाह ने यह भी कहा कि दुनिया भारत के ज्ञान का सम्मान करती है। 

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उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल किए जाने के भव्य अवसर पर प्रत्येक भारतीय को बधाई।’ गृह मंत्री ने कहा कि धर्मग्रंथ भारत के प्राचीन ज्ञान को दर्शाते हैं, जिन्होंने अनादि काल से मानवता को विश्व को बेहतर बनाने तथा जीवन को अधिक सुंदर बनाने का प्रकाश दिखाया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने अपने सांस्कृतिक ज्ञान को वैश्विक कल्याण के केंद्र में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। यह इन प्रयासों को एक बड़ी मान्यता है।’’ भगवद् गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियां उन 74 नए दस्तावेजी धरोहर संग्रहों का हिस्सा हैं, जिन्हें यूनेस्को के ‘विश्व स्मृति रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। 

इस रजिस्टर में मानवता की दस्तावेजी विरासत के रूप में पुस्तकें, पांडुलिपियां, मानचित्र, फोटोग्राफ, ध्वनि या वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं। संबंधित उपलब्धि 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर मिली है।


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