कासगंज: मां भगवती अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने किया सीज...लापरवाही का लगा था आरोप
कासगंज, अमृत विचार। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर में संचालित मां भगवती अस्पताल पर सीज की कार्रवाई की है। 14 अप्रैल को परिजनों ने महिला की मौत के बाद शव रखकर हंगामा किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्जन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। महिला के अंदरूनी ब्लीडिंग होने के कारण हेमेटोमा और पौने तीन किलो कलेक्शन पेट में निकला था।
दरअसल आठ अप्रैल को एटा जनपद के कासोन निवासी धर्मेंद्र ने प्रसव पीड़ा होने पर अपनी पत्नी मीरा देवी को मां भगवती अस्पताल किसरोली रोड पर भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा खतरे में बताते हुए ऑपरेशन कर दिया। शाम को ब्लड लगा दिया। जिससे महिला की तबीयत खराब हो गई। अस्पताल संचालक महिला को इलाज के लिए अपने आगरा के अस्पताल ले गये।
यहां भी महिला को कोई आराम नहीं हुआ, तो एक और आगरा के अस्पताल में दिखाया। जहां 13 अप्रैल की रात को मीरा ने दम तोड़ दिया। परिजन शव को लेकर कासगंज आ गये। जहां परिजनों ने शव अस्पताल के आगे रखकर हंगामा किया। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।
सीएमओ डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि शहर के मां भवगती हॉस्पिटल में एक महिला की मौत के मामले में हंगामा हुआ था। मृतका के परिजनों की शिकायत पर पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम और तहरीर के आधार पर हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया है। अग्रिम कार्रवाई की जाएंगी।
ये आई थी पोस्टमार्टम रिपोर्ट
मीरा देवी की आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर कोतवाली पुलिस तक को सकते में डाल दिया। कोतवाली पुलिस ने अस्पताल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मौत का कारण अंदरूनी ब्लीडिंग और हेमेटोमा के अलावा पौने तीन किलो पेट में कलेक्शन मिला था।
जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि मीरा की मौत ऑपरेशन में सर्जन की बड़ी चूक हुई है। फिलहाल जांच के बाद शनिवार को पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के छोलाछान के नोडल अधिकारी डॉ. मदन, धर्मेंद्र सिंह, विमल कुमार ने अस्पताल को सीज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।
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