बरेली: विदेश यात्रा की तैयारी, चार साल में 436 लोगों ने बनवाए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस

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Published By Preeti Kohli
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बरेली, अमृत विचार: जिले में पिछले चार साल में 436 से अधिक लोगों ने इंटरनेशनल लाइसेंस बनवाए हैं। इस साल भी 37 आवेदन आए हैं। लाइसेंस बनवाने वालों में अधिकांश युवा हैं, जो विदेश में पढ़ने और नौकरी करते हैं। विदेश घूमने के लिए भी कई लोग लाइसेंस बनवाते हैं क्योंकि वहां ड्राइविंग के लिए कार तभी मिलती है जब उनके पास इंटरनेशनल लाइसेंस हो। यह लाइसेंस कनाडा, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, फिनलैंड समेत 15 देशों में मान्य होता है।

अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेशनल लाइसेंस को कई भाषाओं में ट्रांसलेट कर दिया जाता है। परिवहन विभाग में इंटरनेशनल लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन करने से पहले आवेदक का भारतीय होना और पहले से उसका ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी होता है।

उसे यह बताना होता है कि किस देश में कितने समय के लिए उसे लाइसेंस चाहिए। वैध ड्राइविंग लाइसेंस की प्रति, पासपोर्ट की प्रति, वीजा की प्रति के साथ निर्धारित शुल्क जमा करना होता है। प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिवहन विभाग लाइसेंस जारी कर देता है।

एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार का कहना है कि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस न केवल विदेश यात्रा करने वालों के काम आता है, बल्कि जो कभी-कभार विदेश जाते हैं, उन्हें भी इसका फायदा मिलता है। इसके जरिए ही कई देशों में गाड़ी किराये पर आसानी से उपलब्ध होने के साथ ही ड्राइविंग करने की अनुमति मिलती है। वर्ष 2020 से पहले लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या कम थी। चार साल से आवेदकों की संख्या बढ़ रही है।

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