Operation Sindoor: लश्कर-ए-तैयबा के ‘मरकज तैयबा’ में कसाब और अन्य आतंकियों ने लिया था प्रशिक्षण

Operation Sindoor: लश्कर-ए-तैयबा के ‘मरकज तैयबा’ में कसाब और अन्य आतंकियों ने लिया था प्रशिक्षण

नई दिल्ली। पाकिस्तान के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ‘मरकज तैयबा’ वह स्थान है, जहां 2008 के मुंबई हमले में शामिल अजमल कसाब समेत अन्य आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया गया था। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मरकज तैयबा उन नौ आतंकी शिविरों में से एक है, जिन पर बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की है। 

भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर का जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है। 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। हमले के कुछ घंटों बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मीडिया को भारत के ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। 
मिसरी द्वारा दिए गए प्रारंभिक वक्तव्य के बाद, दोनों अधिकारियों ने भारतीय सेना द्वारा निशाना बनाये गये स्थलों के बारे में जानकारी साझा की। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमले किए। 

सैन्य अधिकारियों ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना ने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मरकज तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मरकज सुभान अल्लाह, सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन के महमूना जोया फैसिलिटी और बरनाला में मरकज अहले हदीस में लश्कर के अड्डे और मुजफ्फराबाद के शावई नाला में उसके शिविर को निशाना बनाया। 

कर्नल कुरैशी ने कहा, ‘‘मरकज तैयबा, अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 18-25 किलोमीटर दूर स्थित है और 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को यहीं प्रशिक्षण दिया गया था। अजमल कसाब और डेविड हेडली ने भी यहीं प्रशिक्षण लिया था।’’ 

मुरीदके स्थित मरकज तैयबा हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय था। मुंबई हमलों के बाद जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब ने मुरीदके में प्रशिक्षण प्राप्त करने की बात स्वीकार की थी। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए इस हमले के लगभग चार साल बाद, कसाब को नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी।  

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