Kanpur: आसमान में गरजे प्लेन, बजा सायरन और लोग अलर्ट, हमले की स्थिति में बचने के लिए की गई मॉक ड्रिल, बचने के तरीके बताए

कानपुर, अमृत विचार। आसमान में युद्धक विमान दिखते ही लोग सतर्कता के साथ मोर्चा लेते दिखे। युद्ध जैसे हालात के बीच जब तेज धमाका हुआ तो सभी ने जमीन पर लेटकर खुद को सुरक्षित किया। लोगों ने न तो शोर मचाया और न ही हड़बड़ाहट में इधर-उधर भागते नजर आए। जमीन पर लेटकर विमानों के गुजरने का इंतजार करने लगे। इस बीच हुए धमाके के बाद लगी आग को तुरंत बुझाया गया। यह नजाना बुधवार को शहर के अलग-अलग स्थानों का रहा। जहां पर संभावित हमले का मॉक ड्रिल कराया गया। इन मॉक ड्रिल में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए।
सुरक्षा अधिकारियों ने बड़ा चौराहा के साथ ही स्कूलों में भी बच्चों को हमले से बचाव की सीख दी। बच्चों को युद्ध जैसे हालातों में खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के बारे में जागरूक किया गया। बताया गया कि वे किस तरह आस-पास की उपलब्ध सामग्रियों जैसे बेट, टेबल या मजबूत चीज के नीचे छुपकर खुद को हमले से बचा सकते हैं। इसके अलावा यदि युद्ध के दौरान यदि आस-पास के लोग जख्मी हो जाते हैं तो आस-पास की सामग्रियों चादर, डंडा या फोलडिंग के रॉड का उपयोग कर स्ट्रेचर बनाकर किस तरह से उन्हें बचाकर नजदीक के अस्पताल तक पहुंचाया जाए। घायलों की मरहम पट्टी करना भी बच्चों को सिखाया गया।
मेज के नीचे छिपीं छात्राएं
ज्ञान भारती बालिका इंटर कॉलेज में बुधवार को मॉकड्रिल के दौरान छात्राओं को बचाव सिखाया गया। इस मॉकड्रिल में युद्धक विमान का सायरन बजते ही छात्राएं सीट के चीचे छिपी। इस दौरान वहां के शिक्षकों व अधिकारियों ने छात्राओं को सुरक्षित सीट से निकलने और कॉरिडोर तक जाने का तरीका भी बताया। इस दौरान प्रधानाचार्य नीतू शर्मा व सिविल डिफेंस से लखन शुक्ला मौजूद रहे।
दुकान में बनाया बंकर
मुरे कंपनी पुल के नीचे ऑटो पार्ट्स बाजार में अरविंद ऑटो पार्ट्स में दुकानदार ने संभावित हमले में खुद को और कर्मचारियों को बचाने के लिए एक बंकर तैयार किया। दुकान के भीतर बने इस बंकर में फिलहाल दुकानदार अपने उत्पादों को रखता था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही दुकानदार से सामान को शिफ्ट कर उसमें छुपने की जगह बनाई है।
बड़ा चौराहा पर हुआ धमाका
बड़ा चौराहा पर बुधवार को तेज धमाके के बाद चारो ओर से आने वाले वाहनों को तुरंत ही रोक दिया गया। इस दौरान एक तेज सायरन बजा। सायरन बजते ही फुर्ती से सुरक्षा में लगे जवान आग बुझाने पहुंचे। इस बीच चौराहा पर ही उपलब्ध सामानों से स्ट्रेचर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। यहां पर हुई मॉक ड्रिल में पुलिस , सिविल डिफेंस, एनसीसी क्षेत्रीय नागरिक शामिल हुए। लगभग एक घंटे हुए हुए मॉक ड्रिल में संभावित युद्ध के दौरान लोगों को जान बचाने के तरीके और अस्पताल पहुंचाने के तरीके भी बताए गए।
बंकरों में छिपे बच्चे
सामाजिक संस्था साहवेस की ओर से परम पुरवा जूही में सम्राट अशोक विद्या उद्यान स्कूल के डेढ़ सौ बच्चों को मॉकड्रिल में शामिल किया गया। इस दौरान हवाई हमलों से खुद को बचाने के तरीके सिखाए गए। स्कूल में बने प्रतीकात्मक बंकर में जाने का तरीका बच्चों को सिखाया गया। सायरन की आवाज़ के साथ बच्चे कमरों से अपनी जरूरत की किट लेकर समूह में तेजी से भागते हुए बंकर में छिपे। कुछ बच्चे बेंचों के नीचे छिपे कुछ खाली मैदान में जहां जिसे सुरक्षित स्थान मिला वहीं वे कान बन्द कर पेट के बल लेट गए। संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार सिंह, सत्यम गुप्ता और समन्यवयक रेनु शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।
लोगों को बचने के तरीके बताए
छपेड़ा पुलिया अनुराग हास्पि्टल के पास सिविल डिफेंस ने लोगों को किसी आपात दशा में बचने के उपाय बताए। लोगों को हवाई हमले, आग, इमारत में फंसने, मलबे में दबने आदि के हालात में सकुशल निकलने के तरीके बताए गए। प्राथमिक उपचार करना भी सिखाया गया। एनसीसी कैडेटों को घायलों को अस्पताल पहुंचाने की ट्रेनिंग दी गई। यहां प्रवीन मिश्रा, मनोज सिंह, अब्दुल सलाम जाफरी, अमित दीक्षित, दिनेश कुमार विश्वकर्मा, अरुण त्रिपाठी, महेंद्र सिंह चंदेल आदि थे।