Stock Market Close: शेयर बाजार में धुआंधार तेजी, Sensex 2,975 पॉइंट पर Nifty 24,924 के पार 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

मुंबई। भारत-पाकिस्तान के युद्धविराम समझौते से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा दमदार लिवाली की बदौलत आज शेयर बाजार पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। BSE का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स जून 2024 के बाद की सबसे बड़ी 2975.43 अंक अर्थात 3.74 प्रतिशत की तेजी के साथ पांच महीने के उच्चतम स्तर 82 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 82,429.90 अंक पर पहुंच गया। 

इससे पहले 13 दिसंबर 2024 को यह 82,133.12 अंक पर रहा था। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 916.70 अंक यानी 3.82 प्रतिशत की छलांग लगाकर 24924.70 अंक हो गया। BSE की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 3.85 प्रतिशत की मजबूती के साथ 43,731.60 अंक और स्मॉलकैप 4.18 प्रतिशत उछलकर 48,693.75 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान BSE में कुल 4254 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3545 में लिवाली जबकि 576 में बिकवाली हुई वहीं 133 में कोई बदलाव नहीं हुआ। 

इसी तरह एनएसई में कारोबार के लिए रखी गई कुल 3010 कंपनियों के शेयरों में से 2612 में तेजी जबकि 329 में गिरावट रही वहीं 67 में टिकाव रहा। विश्लेषकों के अनुसार, हाल के दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निरंतर खरीददारी प्रमुख पहचान बनकर उभरी है। 08 मई को समाप्त हुए 16 कारोबारी सत्रों में FII ने एक्सचेंजों के माध्यम से कुल 48,533 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। हालांकि, 09 मई को भारत-पाक तनाव के चलते 3,798 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई। 

लेकिन, अब जबकि युद्धविराम की घोषणा हो चुकी है तो बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि FII द्वारा भारत में इक्विटी निवेश की गति एक बार फिर तेज हो सकती है। गौरतलब है कि वर्ष 2025 की शुरुआत में FII का रुख बिक्री की ओर था। जनवरी में डॉलर सूचकांक के 111 तक पहुंचने के बाद उन्होंने 78,027 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की। हालांकि मार्च के बाद से बिकवाली की तीव्रता में कमी आई और अप्रैल में एफआईआई 4,243 करोड़ रुपये शुद्ध लिवाल रहे, जिससे एक सकारात्मक संकेत मिला।

विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर डॉलर में गिरावट और अमेरिका तथा चीन की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी जैसे कारकों के साथ-साथ घरेलू स्तर पर उच्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि, घटती महंगाई और ब्याज दरें भारतीय इक्विटी बाजार में एफआईआई प्रवाह को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इसके विपरीत ऋण प्रवाह में कमी देखी जा रही है और निकट भविष्य में इसके कम रहने की संभावना जताई जा रही है। इससे बीएसई के सभी 21 समूह चढ़ गए। 

इस दौरान आईटी 6.75, फोकस्ड आईटी 6.74, रियल्टी 5.87, धातु 5.24, टेक 5.21, सर्विसेज 5.08, यूटिलिटीज 5.07, पावर 4.82, इंडस्ट्रियल्स 4.24, कमोडिटीज 4.03, वित्तीय सेवाएं 3.95, सीडी 3.84 ऊर्जा 3.25, दूरसंचार 3.02, ऑटो 3.38, बैंकिंग 3.33, कैपिटल गुड्स 3.85, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 2.83, तेल एवं गैस 2.87 और हेल्थकेयर समूह के शेयर 0.91 प्रतिशत उछल गए। विश्व बाजार में तेजी का रुख रहा। इससे ब्रिटेन का एफटीएसई 0.37, जर्मनी का डैक्स 1.01, जापान का निक्केई 0.38, हांगकांग का हैंगसेंग 2.98 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.82 प्रतिशत मजबूत रहा। 


ये भी पढ़े : सीजफायर से शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल, सेंसेक्स 1,900 अंक से अधिक चढ़ा, निफ्टी 24,606 अंक के स्तर पर

 

संबंधित समाचार