जर्मनी के सबसे बड़े समूह ‘राइख सिटीजन’ पर प्रतिबंध, नेताओं के घरों पर छापे 

जर्मनी के सबसे बड़े समूह ‘राइख सिटीजन’ पर प्रतिबंध, नेताओं के घरों पर छापे 

बर्लिन। जर्मन सरकार ने अतिवादी धुर दक्षिणपंथी संगठन ‘राइख सिटीजन’ पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह समूह खुद को ‘किंगडम ऑफ जर्मनी’ (जर्मन साम्राज्य) कहता है और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास करता है। समूह के चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को सुबह से ही, कई राज्यों में सुरक्षा बल के सैकड़ों जवान समूह की संपत्तियों और इसके प्रमुख सदस्यों के घरों की तलाशी ले रहे हैं। 

गृह मंत्री अलेक्जेंद्र दोब्रिंत ने कहा, ‘‘इस संगठन के सदस्यों ने हमारे देश में एक ‘काउंटर-स्टेट’ बनाया है और आर्थिक आपराधिक ढांचे का निर्माण किया है।’’ उन्होंने कहा कि समूह के सदस्यों ने यहूदी विरोधी साजिश के विमर्श के साथ सत्ता पर अपने कथित दावे को दोहराया, और यह ऐसा व्यवहार है जिसे देश बर्दाश्त नहीं कर सकता। दोब्रिंत ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेंगे जो हमारी स्वतंत्र लोकतांत्रिक बुनियादी व्यवस्था पर हमला करते हैं।’’ तथाकथित ‘राइख सिटीजन’ या ‘राइसबर्गर’ आंदोलन जर्मनी को एक देश के रूप में मान्यता नहीं देता है। वे कर, सामाजिक सुरक्षा योगदान या जुर्माना देने से भी इनकार करते हैं। 

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तथाकथित ‘किंगडम ऑफ जर्मनी’ की घोषणा इसके नेता पीटर फिट्जेक ने 2012 में पूर्वी शहर विटेनबर्ग में की थी। फिट्जेक मंगलवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल था। इस संगठन के लगभग 6,000 समर्थक हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह खुद को जर्मनी की संघीय सरकार से अलग हुआ ‘काउंटर-स्टेट’ (देश का विकल्प) होने का दावा करता है। प्रतिबंध के तहत समूह के ऑनलाइन मंचों को ब्लॉक कर दिया जाएगा और इसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी ताकि आगे किसी वित्तीय संसाधन का इस्तेमाल चरमपंथी उद्देश्यों के लिए नहीं हो सके। यह पहली बार नहीं है जब जर्मनी ने ‘राइसबर्गर’ आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले 2023 में, जर्मनी के पुलिस अधिकारियों ने धुर दक्षिणपंथी ‘राइख सिटीजन’ के खिलाफ जांच के सिलसिले में करीब 20 लोगों के घरों की तलाशी ली थी।