Free trade agreements : ओमान के साथ FTA वार्ता पर बोले पीयूष गोयल! बातचीत जारी, जल्द आएगी अच्छी खबर 

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Published By Anjali Singh
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पेरिस। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत आगे बढ़ रही है और इस पर जल्द अच्छी खबर आ सकती है। इस साल जनवरी में गोयल की मस्कट यात्रा के बाद वार्ता को बेहद जरूरी प्रोत्साहन मिला। आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के रूप में नामित इस समझौते के लिए वार्ता औपचारिक रूप से नवंबर 2023 में शुरू हुई थी। 

ओमान के साथ एफटीए वार्ता के इस वर्ष पूरी होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि ओमान एफटीए पर आपको बहुत जल्द ही अच्छी खबर सुनने को मिलेगी।’ गोयल, व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए फ्रांस के नेताओं और कारोबारियों से बातचीत करने के लिए आधिकारिक यात्रा पर यहां आए हैं। वह तीन जून को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की एक लघु-मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लेंगे। 

ऐसे समझौतों में, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतर वस्तुओं पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या खत्म कर देते हैं। वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के लिए मानदंडों को भी आसान बनाते हैं। ओमान, भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत का पहले से ही जीसीसी के एक अन्य सदस्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ ऐसा ही समझौता है जो मई 2022 में लागू हुआ। 

वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था जिसमें से निर्यात चार अरब अमेरिकी डॉलर तथा आयात 6.54 अरब डॉलर का था। भारत के प्रमुख आयात पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया हैं। इनका आयात 70 प्रतिशत से अधिक है। अन्य प्रमुख उत्पाद प्रोपलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन और लोहा और इस्पात हैं। ऐसे समझौतों के बारे में मंत्री ने कहा कि ये एफटीए न केवल वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देते हैं, बल्कि आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूत करते हैं। 

साथ ही दोनों पक्षों के व्यवसायों में स्थिर नीतियों और पूर्वानुमान के बारे में विश्वास उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा, ‘एक तरह से, जब आप एफटीए संपन्न करते हैं तो यह एक बड़ा संदेश होता है।’ इन समझौतों के परिणामस्वरूप भारत में क्या और अधिक घरेलू सुधार देखने को मिल सकते हैं ? इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि एफटीए अपने आप में एक अलग आधार है तथा इसका देश को अधिक आकर्षक बनाने के ‘‘हमारे’’ घरेलू प्रयासों से कोई संबंध नहीं है। 

उन्होंने कहा, ‘ये समझौते दोनों पक्षों के लिए बाजार खोलने की दिशा में हैं, जिससे सभी प्रक्रियाओं में प्रतिस्पर्धात्मकता, उत्पादकता और दक्षता बढ़ेगी।’ गोयल ने साथ ही बताया कि बजट में घोषित राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जल्द ही शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में राज्यों और केंद्र के साथ मिलकर काम करने के तरीके को और अधिक ‘सुव्यवस्थित रूप’ मिलेगा।

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