पीलीभीत: टेंडर प्रक्रिया में फर्जी अभिलेख का खेल, ईओ बोले: इतनी नहीं कराई जांच..अपने ही बहुत काम

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
On

पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पंचायत कलीनगर में वाटर कूलर लगाने के लिए निकाली गई निविदाओं की विड में अभिलेखों का फर्जीवाड़ा भी किया गया। शिकायतकर्ता की मानें तो एक फर्म ने श्रम विभाग से जुड़ा पंजीयन प्रमाण में भी खेल किया गया। उस पर दर्ज पंजीकरण संख्या किसी और फर्म के नाम पर प्रदर्शित हो रही है। ये खेल शिकायत के बाद हुई जांच में पकड़ा भी गया। मगर, इस पर न तो कोई विभागीय स्तर से जांच कराई गई है, न ही कोई ठोस एक्शन लिया जा सका है। इससे जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है। हालांकि ईओ  सिर्फ टेंडर प्रक्रिय निरस्त करने तक ही कार्रवाई सीमित कर कर्तव्यों से इतिश्री कर गए हैं।

नगर पंचायत कलीनगर में स्वच्छ पेयजल योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर सोलर वेस्ड वाटर कूलर की स्थापना कराई जानी है। ये काम 58 लाख रुपये से होना है। इसके लिए 21 मई 2025 को ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसमें चार फर्म एम-एम कंस्ट्रक्शन, पवन इंटरप्राइजेज, आरवीआर कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स, जीवी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स ने विड डाली थी। पहले जीवी कंस्ट्रक्शन की विड अस्वीकृत की गई और फिर धांधली के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई तो आनन-फानन में पांच जून को अन्य तीनों फर्म की विड भी अस्वीकृत कर दी गई थी। अब नगर पंचायत प्रशासन दोबारा से टेंडर प्रक्रिया कराने की बात कह रहा है। मगर, इस पूरे खेल को लेकर फर्जी अभिलेखों का इस्तेमाल करने का भी आरोप है। जिसकी अभी तक कोई जांच नहीं कराई गई है। शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए अभिलेख एक बड़ी जालसाजी की ओर इशारा कर रहे हैं। जिसकी गहनता से जांच कराई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। पत्र के अनुसार इस कार्य में आरवीआर कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स के सपोर्ट में एक अन्य फर्म एमएम कंस्ट्रक्शन ने भी प्रतिभाग किया था। आरोप है कि इसमें श्रम विभाग के पंजीकरण को फर्जीवाड़ा करके एडिट करके निविदा में प्रतिभाग किया गया है। मगर, इसकी जांच नहीं कराई गई है। 

पोर्टल पर दिख रहा दूसरी फर्म का नाम
बताते हैं कि एमएम कंस्ट्रक्शन की ओर से श्रम विभाग के पंजीकरण को लेकर एक अभिलेख लगाया गया था। इसमें पंजीकरण संख्या को लेकर कूटरचित तरीके से अभिलेख तैयार किया गया है। शिकायतकर्ता के दिए अभिलेखों पर गौर करें तो यूपी श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण संख्या पर फर्म का नाम श्रीकृष्णा ट्रेडर्स के नाम से जारी प्रदर्शित हो रही है। इतना ही बरेली जनपद की दशाई जा रही हैं, लेकिन उनका पूरा पता अलग-अलग है।

नगर पंचायत कलीनगर के ईओ एजाज अहमद से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना था कि विड की जांच में पहले कर्मचारी स्तर पर चूक हो गई थी। मगर बाद में री-कॉल की गई तो चारों फर्मों की विड निरस्त की जा चुकी है। कूटरचित अभिलेख को लेकर लगाए गए आरोपों पर उनका कहना था कि हमने इतनी जांच पड़ताल नहीं की है। हमें गलत लगा तो निविदा कैंसिल कर दी गई। हमारे अपने ही काम इतने हैं कि हम किस -किस की जांच करते रहेंगे। अगर टेंडर हो चुका होता तो हम ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई करते। जब पहले ही विड कैंसिल कर दी है तो क्या कार्रवाई करें।

संबंधित समाचार