बदायूं: बिगड़ता मौसम को देख किसानों के छूटे पसीने...अधपका मक्का की रात दिन कटाई जारी
बदायूं, अमृत विचार। शनिवार को तेज धूप के बाद रविवार को आसमान में बादल छा गए। तेज हवा ने किसानों की धड़कनें बढ़ा दीं। खेतों में खड़ी मक्का की फसल को नुकसान होने के डर से किसानों ने अधपका मक्का काटनी शुरू कर दी है। बारिश होने से मक्का की फसल को भारी नुकसान होगा इसलिए किसान मक्का की कटाई करने में जुट गए हैं।
जनपद में करीब 10 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा में हाइब्रिड मक्का का है। जिसमें से करीब 20 प्रतिशत मक्का कट चुकी है। शेष मक्का खेतों में खड़ी है। मानसून की बारिश मक्का के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही मैंथा को भी बारिश से भारी नुकसान होगा। इन दिनो खेतों में हाइब्रिड मक्का तैयार हो चुकी है। कुछ किसानों की मक्का पक चुकी है जो काट रहे हैं, जबकि अधिकांश खेतों में मक्का अधपका है। शनिवार को तेज धूप रही। लेकिन रविवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। बारिश होने के डर से किसानों की धड़कने बढ़ गई हैं। यदि बारिश होती है तो मक्का की फसल को भारी नुकसान होगा इसलिए किसानों को अब मानसून की बारिश होने का डर सता रहा है। जिन किसानों की मक्का 10 से 15 दिन बाद कटनी थी वह अब बारिश के डर से काट रहे हैं।
उपरैला निवासी देवेन्द्र ने बताया कि अब बारिश होने का डर है। कच्ची मक्का सड़ने का खतरा बना रहता है। इसलिए अधपका मक्का काट रहे हैं। किसान ने बताया कि मक्का के खेत में पानी भर जाने से मक्का पूरी तरह खत्म हो जाएगी। उदमई निवासी राजेंद्र ने बताया कि अब यदि बारिश शुरू हो जाती है तो किसान को भारी नुकसान होगा। उसकी पूरी मेहनत और लागत बेकार हो जाएगी।
मौसम के जानकारों का कहना है कि 18 जून से बारिश का योग बना रहा है इसलिए अब बादल हो रहे हैं। मानसून की बारिश शुरू होते ही फिर मौसम साफ होने में 10 से 15 दिन का समय लगता है। तब तक मक्का खेतों में सड़ जाएगी। कादरचौक, बिसौली, बिल्सी और इस्लामनगर क्षेत्र में हाइब्रिड मक्का बड़ी संख्या में किसान करते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य तहसील क्षेत्रों में भी हाइब्रिड मक्का की जाती है।
