पुलिस की लापरवाही या सांठगांठ... छापे से पहले उज्बेकिस्तानी महिला ने विदेशी साथियों को मौके से भगाया, जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: पुलिस की लापरवाही के कारण उज्बेकिस्तान की लोला ने पिछले आठ वर्षों से अपने गिरोह का ठिकाना लखनऊ में बना रखा था। लोला की कुछ पुलिसकर्मियों से सांठगांठ थी। यही वजह थी कि जब पुलिस ने छापा डाला तो इसकी सूचना लोला को मिल गई। लोला ने अपने कई विदेशी साथियों को न्यू हजरतगंज बिल्डिंग से हटा दिया था। वहीं, पुलिस इस संवेदनशील मामले के खुलासे के बाद भी लोला, डॉ. विवेक, त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा को पकड़ने में नाकाम रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोला पिछले आठ वर्षों से लखनऊ में रह रही थी। लखनऊ में आने के बाद अपने दो साथी राजाजीपुरम निवासी जनक प्रताप सिंह और तेलीबाग निवासी त्रिजिनराज की मदद से भारतीय नागरिक होने के दस्तावेज तैयार कराये थे। इसमें आधार कार्ड, पैन समेत अन्य शामिल हैं। इनकी मदद से लोला ने जनक के साथ कागजों में शादी भी कर ली और खुलकर यहां रहने लगी। कुछ दिनों पहले लोला ने खुद फार्म-सी भरा तो उसके बारे में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की टीम उसके बारे में जानकारी हुई। इसके बाद पुलिस की मदद से जांच करवाई गई तो पता चला, लेकिन उससे पहले ही लोला ने अपनी सभी साथियों को भगा दिया। फिर खुद भी त्रिजिन राज के साथ यहां से निकल गई। इसके बाद पुलिस ने लोला के साथ उसकी मदद करने वाले त्रिजिनराज व सर्जरी करने वाले डा. विवेक गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। इससे साफ है कि पुलिस की लापरवाही के कारण यह गिरोह इतने लंबे समय तक सक्रिय रहा। सवाल यह है कि आखिर पुलिस क्यों नहीं समय रहते कार्रवाई कर पाई? इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी उपेंद्र सिंह के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्य मिलने के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

सर्जरी के पहले नहीं भरा गया फार्म-सी

पुलिस की जांच में सामने आया कि लोला का सीधा संबंध डॉ. विवेक गुप्ता से था। लोला के कहने पर डॉ. विवेक ने कई विदेशी महिलाओं की प्लास्टिक सर्जरी की थी। विदेशी इलाज के से पहले न तो डॉ. विवेक गुप्ता ने फार्म-सी भरा न ही पुलिस को सूचना दी। जबकि नियम है कि विदेशी का इलाज कराने से पहले डॉक्टर को फार्म-सी भरना होता है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. विवेक अपने अस्पताल में बैठकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है। हालांकि पुलिस अभी उनके बारे में सुराग न होने की बात कह रही है।

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