प्रयागराज : 32 वर्ष से नहीं बढ़ी प्राधिकरण की जमीन, बदल गये 23 वीसी
वर्ष 91-93 में तत्कालीन वीसी ने शुरू की थी 42 आवासीय योजनाएं,
प्रयागराज, अमृत विचार। लोगों को आवास मुहैया कराने वाले प्रयागराज विकास प्राधिकरण प्रयागराज (पीडीए) के पास आवासीय योजनाओं को शुरू करने के लिए जमीन नहीं है क्योंकि 32 वर्ष से प्राधिकरण की जमीन नहीं बढ़ी है ना ही कोई बड़ी आवासीय योजनाएं शुरू हुई है इस दौरान 23 उपाध्यक्ष और 40 सचिव बदल गये। प्राधिकरण की आर्थिक हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है।
अवैध निर्माणों से होने वाली आय से प्राधिकरण के करीब 550 अधिकारियों, कर्मचारियों को तनख्वाह मिल रही है। पीडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) डा अमितपाल शर्मा का कहना है कि नयी आवासीय योजनाओं की तैयारियां व्यापक स्तर पर चल रही है इससे बड़ी संख्या में लोगों को आवासीय सुविधाएं मुहैया होगी।
विकास प्राधिकरण के वर्ष 1991 से 1993 तक उपाध्यक्ष पीएन मिश्रा थे, उन्होंने करीब 42 आवासीय योजनाएं शुरू की थी जो 200 बीघा से लेकर 500 बीघा तक थी जिसमें प्रमुख रूप से शांतिपुरम आवासीय योजना, त्रिवेणीपुरम, कालिंदीपुरम, बद्री आवास योजना, चौफटका, देवघाट झलवा, हैजा हास्पिटल आवास योजना, मम्फोर्डगंज आवास योजना, नैनी आवास योजना सहित अन्य आवासीय एवं व्यावसायिक योजनाएं थी जिससे कि प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो गयी थी।
वर्ष 2009 से 2016 तक वीसी अनिल कुमार सिंह और अजय कुमार सिंह थे। उन्होंने दो दर्जन आवासीय योजनाएं शुरू की थी जिससे कि पीडीए की आर्थिक स्थिति खराब नहीं होने पाई और वह चलता रहा। 32 वर्षो से पीडीए की कोई बड़ी आवासीय योजना शुरू नहीं हुई है जिससे कि आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होने और कुछ नक्शों के पास से होने वाली आय से पीडीए चल रहा है जबकि दर्जनभर अफसरों और 550 कर्मचारियों को वेतन सहित अन्य भुगतान किसी तरह से हो रहा है।
पूर्व वीसी पीडीए को दी नयी पहचान
प्रयागराज विकास प्राधिकरण प्रयागराज (पीडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष भानुचन्द्र गोस्वामी थे वह अपने कार्यकाल मई 2017 से जुलाई 2019 तक पीडीए और शहर को नयी पहचान दी। पूर्व उपाध्यक्ष श्री गोस्वामी ने 200 से अधिक अवैध निर्माण जो सड़क के किनारे और बीच में थे,को रातों रात तुड़वाकर शहर की सड़कों का चौड़ीकरण किया, वहीं पांच दर्जन चौराहों, रेलवे अण्डरपास का अतिरिक्त निर्माण, दर्जनभर फ्लाईओवर, 200 टायलेट का निर्माण करवाया जिससे कि शहर को आज माडर्न पहचान मिली है।
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