मुरादाबाद : ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया बिजली विभाग का लिपिक
एंटी करप्शन टीम ने बिजली विभाग के कार्यालय से ही आरोपी को दबोचा
मुरादाबाद, अमृत विचार। बिजली विभाग के देहात वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में तैनात लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को रिश्वत लेते पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कार्रवाई से कार्यालय में अफरा तफरी मच गई।
विद्युत वितरण खंड द्वितीय देहात के कार्यालय में तैनात लिपिक ब्रजेश सिंह को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन की टीम की प्रभारी रश्मि चौधरी ने रंगे हाथों कार्यालय में सोमवार को पकड़ा। इसकी शिकायत किसान प्रशांत कुमार ने की थी। एंटी करप्शन की टीम के बिछाए जाल में लिपिक उस समय फंस गया जब वह किसान से ट्यूबवेल कनेक्शन देने के नाम पर तय रिश्वत के 10 रुपये लेने कार्यालय से बाहर आया। लिपिक ने किसान से रुपये लेकर जैसे ही अपनी जेब में रखे वहां आसपास मौजूद एंटी करप्शन की टीम के सदस्यों ने लिपिक को दबोच लिया। पकड़े जाने पर लिपिक ने फुर्ती के साथ जेब से रुपये बाहर फेंक दिए। लेकिन उसके हाथों पर टीम द्वारा रुपये पर लगाया गया केमिकल लग चुका था।
टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर विजय, निरीक्षक कृष्ण कुमार ने दो सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में लिपिक के हाथ धुलवाए जिससे उनके हाथों पर चढ़ा केमिकल का रंग निकलने लगा। कार्रवाई के दौरान टीम के सदस्य हेड कांस्टेबल अनिल, सतीश वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। टीम लिपिक का सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराकर सिविल लाइन कोतवाली ले आई। जहां एंटी करप्शन टीम का नेतृत्व कर रहीं रश्मि चौधरी ने लिपिक ब्रजेश सिंह के खिलाफ खिलाफ रिश्वत लेने के मामले तहरीर दी है। सिविल लाइन थाना के प्रभारी निरीक्षक मनीष सक्सेना ने बताया आरोपी के खिलाफ तहरीर एंटी करप्शन में तैनात रश्मि चौधरी ने लिपिक के खिलाफ तहरीर दी है, जिस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने चुप्पी साध ली।
15 हजार रुपये मांगे...बाद में 10 हजार रुपये में तय हुआ मामला
शिकायतकर्ता किसान प्रशांत ने बताया कि उसने 21 मई को ट्यूबवेल के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। जिसमें 13 जून को संबंधित एसडीओ ने फोन कर कनेक्शन के एस्टीमेट पास कराने के लिए कागजात जमा कराने के कहा था। लिपिक के पास कागज जमा करने के बाद एस्टीमेट पास करने की बात की तो लिपिक ने 15 हजार रुपये की मांग की लेकिन बाद में 10 हजार रुपये में मामला तय हुआ। किसान ने लिपिक को 7 जुलाई को देने की बात कही। प्रशांत ने बताया इस बीच वह डीएम से भी मिलकर शिकायत कर चुका था। लेकिन लिपिक पर कोई असर नहीं पड़ा तो उसने एंटी करप्शन थाने में प्रभारी निरीक्षक नवल माहरवा को लिपिक के खिलाफ तहरीर और सारे सबूत दिए। जिसके बाद लिपिक ब्रजेश को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
1 जुलाई को तहरीर मिलने के बाद आरोपी की एक सब इंस्पेक्टर से गोपनीय जांच कराई गई। जिसमें विभाग में रुपये लिए बिना काम न करने की चर्चा सामने आई। पीड़ित किसान से तारीख तय कराने के बाद रश्मि चौधरी को टीम का प्रभारी बनाकर एक सब इंस्पेक्टर, एक निरीक्षक और दो हेड कांस्टेबल और तीन सिपाही के साथ कार्रवाई के लिए भेजा गया। - नवल माहरवा, प्रभारी निरीक्षक थाना एंटी करप्शन।
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